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England Tour – इंग्लैण्ड दौरे में इन 5 ग़लतियों से बचें शुभमन गिल, पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने क्यों दी सलाह ?

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England Tour- युवा क्रिकेटर शुभमन गिल (Shubman Gill), पहली बार भारतीय टेस्ट टीम (Indian Test Team) की कप्तानी करने जा रहे हैं। इंग्लैंड दौरे (England Tour) के लिए रोहित शर्मी की जगह कप्तान बनाए गए गिल को पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने अपनी सलाह दी है। गांगुली, जिन्हें प्यार से ‘दादा’ कहा जाता है, ने गिल को इंग्लैंड के चुनौतीपूर्ण हालात में कप्तानी और बल्लेबाजी के टिप्स दिए हैं। रोहित शर्मा की जगह पहली बार टेस्ट टीम की कप्तानी करने जा रहे शुभमन को वहां के हालात से निपटने के लिए कैसी रणनीति बनानी होगी, गांगुली ने अपने अनुभवों से बताया है। ये भी बताया है कि शुभमन गिल को इंग्लैंड दौरे के दौरान अपनी बल्लेबाजी में किस तरह सुधार करना होगा। गिल इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान कप्तानी की जिम्मेदारी संभालेंगे। गांगुली ने कहा कि गिल को अपने टेस्ट बल्लेबाजी पर काम करना होगा क्योंकि वह शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं।

शुभमन गिल- एक उभरता सितारा (Shubman Gill: A Rising Star)

शुभमन गिल का नाम आज भारतीय क्रिकेट में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पंजाब (Punjab) के इस युवा बल्लेबाज ने अपनी शानदार बल्लेबाजी और शांत स्वभाव से सभी का ध्यान खींचा है। चाहे वह अंडर-19 विश्व कप (Under-19 World Cup) में उनकी शतकीय पारी हो या फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे (Australia Tour) पर गाबा (Gabba Stadium) में खेली गई उनकी ऐतिहासिक पारी, गिल ने हर बार साबित किया कि वह बड़े मौकों के खिलाड़ी हैं। अब, 20 जून 2025 से शुरू होने वाली इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज (Five-Match Test Series) में वह पहली बार टेस्ट कप्तानी (Test Captaincy) संभालने जा रहे हैं। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, क्योंकि रोहित शर्मा (Rohit Sharma) जैसे अनुभवी कप्तान की जगह लेना आसान नहीं है।
गिल की बल्लेबाजी में एक खास बात है—वह तकनीकी रूप से मजबूत हैं और लंबी पारियां खेलने की क्षमता रखते हैं। लेकिन, जैसा कि सौरव गांगुली ने बताया, इंग्लैंड जैसे देश में खेलना एक अलग चुनौती है। वहां की पिचें (Pitches) और मौसम (Weather Conditions) बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी करते हैं। गांगुली का मानना है कि गिल को अपनी बल्लेबाजी में कुछ सुधार करने होंगे, खासकर शीर्ष क्रम (Top Order) के बल्लेबाज के रूप में।

भारतीय क्रिकेट के ‘दादा’

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सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा कप्तान माना जाता है, जिसने भारतीय टीम को आक्रामक रवैया (Aggressive Approach) अपनाना सिखाया। 2001 में कोलकाता (Eden Gardens, Kolkata) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हो या फिर 2002 में नेटवेस्ट सीरीज (NatWest Series) में लॉर्ड्स (Lord’s Stadium) की बालकनी में शर्ट उतारकर जश्न मनाना, गांगुली ने हमेशा अपने नेतृत्व से उदाहरण पेश किया। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विदेशी जमीन पर जीतने का आत्मविश्वास हासिल किया। यही कारण है कि उनकी सलाह आज भी युवा खिलाड़ियों के लिए अनमोल है।
गांगुली ने शुभमन गिल को इंग्लैंड दौरे के लिए कई अहम सलाह दी हैं। उन्होंने बताया कि इंग्लैंड में कप्तानी करना आसान नहीं है, क्योंकि वहां के हालात हर दिन बदलते हैं। सुबह की नमी (Morning Moisture), दोपहर की धूप (Afternoon Sunshine), और शाम की ठंड (Evening Chill) पिच के व्यवहार को प्रभावित करते हैं। गांगुली ने गिल को सलाह दी कि वह इन हालात को समझें और अपनी रणनीति (Strategy) को लचीला रखें।

इंग्लैंड के चुनौतीपूर्ण हालात

निकोलस ने जैसे ही क्रीज पर कदम रखा, गेंदबाजों की हालत खराब हो गई। उन्होंने मिचेल मार्श के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 87 रनों की साझेदारी की। इस दौरान निकोलस ने अपनी ताकत दिखाई। उनकी पारी का सबसे बड़ा हाईलाइट था 13वां ओवर, जब उन्होंने ट्रिस्टन स्टब्स (Tristan Stubbs) की गेंदों पर चार छक्के और एक चौका जड़ दिया। इस ओवर में कुल 28 रन बने।
निकोलस ने 30 गेंदों में 75 रन बनाए, जिसमें 6 चौके और 7 छक्के शामिल थे। उनका स्ट्राइक रेट रहा 250! यानी हर 100 गेंदों पर वो 250 रन बनाने की रफ्तार से खेल रहे थे। एक मौके पर विपराज निगम ने उनका कैच छोड़ दिया, और इसके बाद निकोलस ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आखिर में मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) ने उन्हें 15वें ओवर में आउट किया, लेकिन तब तक वो अपना काम कर चुके थे।

600 छक्कों का महारिकॉर्ड (The Milestone of 600 Sixes)

इंग्लैंड में क्रिकेट खेलना हर क्रिकेटर के लिए एक सपना होता है, लेकिन यह सपना कई बार चुनौतीपूर्ण भी साबित होता है। वहां की पिचें तेज गेंदबाजों (Fast Bowlers) के लिए स्वर्ग मानी जाती हैं। जेम्स एंडरसन (James Anderson), स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad), और अब जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) जैसे गेंदबाजों ने हमेशा बल्लेबाजों की नींद उड़ाई है। इंग्लैंड के स्टेडियम जैसे लॉर्ड्स (Lord’s), ओवल (The Oval), ट्रेंट ब्रिज (Trent Bridge), और हेडिंग्ले (Headingley) अपनी स्विंग गेंदबाजी (Swing Bowling) के लिए मशहूर हैं।
गांगुली ने गिल को सलाह दी कि वह इंग्लैंड की पिचों पर स्विंग और सीम मूवमेंट (Seam Movement) से निपटने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि गिल को अपनी डिफेंसिव तकनीक (Defensive Technique) पर काम करना होगा, क्योंकि इंग्लैंड में शुरुआती घंटों में गेंद बहुत हिलती है। इसके अलावा, गिल को अपनी ऑफ-साइड की शॉट्स (Off-Side Shots) पर भी ध्यान देना होगा, क्योंकि इंग्लिश गेंदबाज अक्सर बाहर की गेंदों से बल्लेबाजों को परेशान करते हैं।
गांगुली ने यह भी बताया कि कप्तान के तौर पर गिल को गेंदबाजों का सही इस्तेमाल करना होगा। जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah), मोहम्मद शमी (Mohammed Shami), और रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) जैसे अनुभवी गेंदबाजों का सही समय पर उपयोग करना जीत की कुंजी हो सकता है। गांगुली का मानना है कि गिल को मैदान पर आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए, लेकिन साथ ही धैर्य (Patience) भी रखना होगा।

गिल की बल्लेबाजी में सुधार (Need for Improvement)

शुभमन गिल एक शानदार बल्लेबाज हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में अभी उन्हें और परिपक्वता हासिल करनी है। गांगुली ने बताया कि गिल को अपनी टेस्ट बल्लेबाजी पर विशेष ध्यान देना होगा। वह शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं, और इस स्थान पर बल्लेबाजी करने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है। गिल को लंबी पारियां खेलनी होंगी, ताकि मध्य क्रम (Middle Order) के बल्लेबाजों जैसे विराट कोहली (Virat Kohli) और ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को अच्छा आधार मिल सके।


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