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BCCI Central Contract- सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में 5 क्रिकेटरों की लगी ‘लॉटरी’ तो 5 हुए बाहर, किसको मिलेंगे करोड़ों रुपये, अंदर की पूरी कहानी

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Board of Control for Cricket in India यानी BCCI ने अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट (BCCI Central Contract) की नई सूची (List) जारी की, जिसमें कुल 34 खिलाड़ियों (Players) को शामिल किया गया। इस सूची में कुछ खिलाड़ियों को पहली बार मौका मिला, तो कुछ बड़े नामों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की ग्रेड A+ (Grade A+) कैटेगरी में रोहित शर्मा (Rohit Sharma), विराट कोहली (Virat Kohli), रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) जैसे दिग्गज बरकरार हैं। वहीं, ग्रेड A में 6 खिलाड़ी, ग्रेड B में 5 खिलाड़ी और ग्रेड C में सबसे ज्यादा 19 खिलाड़ी शामिल हैं। इस बार ग्रेड C में 5 नए चेहरों को मौका मिला है, जिनमें से एक को तो भारतीय कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का खास चेला माना जा रहा है। दूसरी तरफ, 5 खिलाड़ियों को इस बार कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया, जिनमें कुछ बड़े नाम भी शामिल हैं। क्रिकेट जोन हिन्दी आपको पूरी जानकारी देगा।

सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट क्या है?

bcci central contract

BCCI central contract वो व्यवस्था है, जिसके तहत भारतीय क्रिकेट टीम के चुनिंदा खिलाड़ियों को सालाना सैलरी दी जाती है। ये सैलरी खिलाड़ियों के प्रदर्शन, उनकी फॉर्म, फिटनेस और राष्ट्रीय टीम में योगदान के आधार पर तय होती है। बीसीसीआई खिलाड़ियों को चार ग्रेड में बांटता है: A+, A, B और C। हर ग्रेड की सैलरी अलग-अलग होती है:
ग्रेड A+: 7 करोड़ रुपये सालाना
ग्रेड A: 5 करोड़ रुपये सालाना
ग्रेड B: 3 करोड़ रुपये सालाना
ग्रेड C: 1 करोड़ रुपये सालाना
इसके अलावा, खिलाड़ियों को हर मैच के लिए अलग से मैच फीस भी मिलती है, जो टेस्ट के लिए 15 लाख, वनडे के लिए 6 लाख और टी20 के लिए 3 लाख रुपये है। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ियों को आर्थिक स्थिरता देता है, ताकि वे बिना किसी चिंता के अपना पूरा ध्यान क्रिकेट पर लगा सकें। साथ ही, बीसीसीआई की ये नीति सुनिश्चित करती है कि खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट, खासकर रणजी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट में भी हिस्सा लें, ताकि भारतीय क्रिकेट का आधार मजबूत रहे।
इस बार की सूची में 34 खिलाड़ियों को शामिल किया गया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक के लिए मान्य है। इस सूची में कुछ खिलाड़ियों की किस्मत चमकी, तो कुछ को निराशा हाथ लगी। आइए, पहले उन 5 खिलाड़ियों की बात करते हैं, जिन्हें पहली बार सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट मिला और उनकी मेहनत रंग लाई।

इन खिलाड़ियों की लॉटरी लगी

1. आकाशदीप: तेज गेंदबाजी का नया सितारा
आकाशदीप एक ऐसे तेज गेंदबाज हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सबका ध्यान खींचा है। 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने के बाद से उन्होंने 7 टेस्ट मैच खेले और अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया। खास तौर पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी गेंदबाजी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। आकाशदीप की रफ्तार और स्विंग ने भारतीय टीम को कई मौकों पर विकेट दिलाए। बीसीसीआई ने उनकी मेहनत को देखते हुए उन्हें ग्रेड C में शामिल किया, जिसके तहत उन्हें सालाना 1 करोड़ रुपये मिलेंगे। आकाशदीप की कहानी उन युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों से आकर बड़े सपने देखते हैं।
2. अभिषेक शर्मा: टी20 का धमाकेदार बल्लेबाज
अभिषेक शर्मा ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से टी20 क्रिकेट में तहलका मचा रखा है। पंजाब के इस युवा बल्लेबाज ने भारत के लिए 17 टी20 मैचों में 535 रन बनाए, जिसमें दो शतक शामिल हैं। उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और मैदान पर बेफिक्र अंदाज ने उन्हें फैंस का चहेता बना दिया है। आईपीएल में भी अभिषेक ने सनराइजर्स हैदराबाद के लिए शानदार प्रदर्शन किया। बीसीसीआई ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें ग्रेड C में शामिल किया। अब अभिषेक को सालाना 1 करोड़ रुपये की सैलरी मिलेगी। अभिषेक की उम्र अभी कम है, और अगर वे इसी तरह प्रदर्शन करते रहे, तो भविष्य में ऊंचे ग्रेड में जगह बना सकते हैं।
3. नीतीश कुमार रेड्डी: ऑलराउंडर का नया चेहरा
नीतीश कुमार रेड्डी उन खिलाड़ियों में से हैं, जो बल्ले और गेंद दोनों से कमाल दिखाते हैं। पिछले आईपीएल सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए शानदार प्रदर्शन के बाद नीतीश ने भारतीय टीम में जगह बनाई। उन्होंने 5 टेस्ट मैचों में 298 रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल है। इसके अलावा, 4 टी20 इंटरनेशनल मैचों में भी उन्होंने 90 रन बनाकर अपनी उपयोगिता साबित की। नीतीश की खासियत है कि वे दबाव में भी शांत रहकर खेलते हैं। बीसीसीआई ने उन्हें ग्रेड C में शामिल किया, जिसके तहत उन्हें 1 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे। नीतीश को भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा है।
4. वरुण चक्रवर्ती: चैंपियंस ट्रॉफी का हीरो
वरुण चक्रवर्ती की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। एक समय आईपीएल में अपनी मिस्ट्री स्पिन से सबको चौंकाने वाले वरुण को भारतीय टीम में ज्यादा मौके नहीं मिले। लेकिन जब से गौतम गंभीर भारतीय टीम के हेड कोच बने, वरुण की किस्मत बदल गई। गंभीर ने वरुण पर भरोसा जताया, और उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में कमाल कर दिखाया। इसीलिए वरुण को गंभीर का चेला भी कहा जाता है। 3 मैचों में 9 विकेट लेकर वे टूर्नामेंट के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनकी फिरकी ने विरोधी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। बीसीसीआई ने उनकी वापसी को सम्मान देते हुए उन्हें ग्रेड C में शामिल किया। अब वरुण को 1 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे। गंभीर का ‘चेला’ कहलाने वाला ये गेंदबाज अब भारतीय स्पिन आक्रमण का अहम हिस्सा बन चुका है।
5. हर्षित राणा: तेज गेंदबाजी का उभरता सितारा
हर्षित राणा ने अपनी तेज गेंदबाजी से सबका ध्यान खींचा है। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट डेब्यू करने वाले हर्षित ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम में भी जगह बनाई। उनकी रफ्तार और बाउंसर ने विदेशी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए भी हर्षित ने शानदार प्रदर्शन किया। बीसीसीआई ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें ग्रेड C में शामिल किया, जिसके तहत उन्हें 1 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे। हर्षित की उम्र और जोश को देखकर लगता है कि वे जल्द ही भारतीय तेज गेंदबाजी का बड़ा नाम बन सकते हैं।

जिनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया

हर बार की तरह इस बार भी कुछ खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होना पड़ा। इनमें कुछ बड़े नाम शामिल हैं, जिन्हें बाहर किए जाने की खबर ने फैंस को चौंका दिया। आइए, जानते हैं उन 5 खिलाड़ियों के बारे में, जिनका इस बार पत्ता कट गया।
1. शार्दुल ठाकुर: ऑलराउंडर की अनिश्चित यात्रा
शार्दुल ठाकुर एक समय भारतीय टीम के अहम ऑलराउंडर थे। उनकी गेंदबाजी और निचले क्रम में बल्लेबाजी ने कई बार भारत को मुश्किल से निकाला। लेकिन 2023 के बाद से शार्दुल टीम इंडिया से बाहर हैं। पिछले साल चोट के कारण वे रणजी ट्रॉफी बीच में छोड़कर चले गए और बाद में उनकी सर्जरी हुई। लंबे समय तक मैदान से दूर रहने और फॉर्म में कमी के कारण बीसीसीआई ने उन्हें 2024-25 के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया। शार्दुल के फैंस को उम्मीद है कि वे घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके वापसी करेंगे।
2. आवेश खान: तेज गेंदबाज की अधूरी कहानी
आवेश खान ने 2024 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी बार भारत के लिए खेला था। आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, खासकर राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ आखिरी ओवर में 2 रन बचाकर जीत दिलाई। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार मौके न मिलने और अन्य तेज गेंदबाजों की मौजूदगी ने आवेश का रास्ता मुश्किल कर दिया। बीसीसीआई ने उन्हें इस बार सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर रखा। आवेश को अगर वापसी करनी है, तो उन्हें आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
3. जितेश शर्मा: विकेटकीपर की मुश्किल राह
जितेश शर्मा को टी20 क्रिकेट में भारत का भविष्य माना जा रहा था, लेकिन 2024 के बाद से वे टीम इंडिया से बाहर हैं। 9 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने के बावजूद जितेश को टी20 विश्व कप 2024 में जगह नहीं मिली। उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता तो है, लेकिन निरंतरता की कमी ने उन्हें पीछे धकेल दिया। ऋषभ पंत की वापसी और ध्रुव जुरैल जैसे नए विकेटकीपरों की मौजूदगी ने जितेश की राह मुश्किल कर दी। बीसीसीआई ने उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया। जितेश को अब घरेलू क्रिकेट में रन बनाकर अपनी दावेदारी मजबूत करनी होगी।
4. केएस भरत: विकेटकीपिंग में पिछड़े
केएस भरत को एक समय टेस्ट क्रिकेट में ऋषभ पंत का बैकअप माना जाता था। लेकिन पंत की वापसी और ध्रुव जुरैल के उभरने के बाद भरत की जगह खतरे में पड़ गई। 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्हें मौका मिला, लेकिन वे बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाए। विकेटकीपिंग में भी उनकी गलतियों ने सवाल उठाए। बीसीसीआई ने उन्हें 2024-25 के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया। भरत को अगर वापसी करनी है, तो उन्हें रणजी ट्रॉफी और अन्य घरेलू टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करना होगा।
5. आर अश्विन: दिग्गज का विदाई पल
रविचंद्रन अश्विन भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े स्पिनरों में से एक हैं। लेकिन दिसंबर 2024 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच उन्होंने अचानक सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। अश्विन ने 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले और 500 से ज्यादा विकेट लिए। उनकी गैरमौजूदगी में भारतीय स्पिन आक्रमण को नया लीडर ढूंढना होगा। रिटायरमेंट के कारण बीसीसीआई ने उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर रखा। अश्विन 2023-24 सीजन में ग्रेड A में थे, लेकिन अब उनकी जगह नए स्पिनरों को मौका मिलेगा।

सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की पूरी सूची और बदलाव

सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की सूची में इस बार कई बड़े बदलाव देखने को मिले। ग्रेड A+ में रोहित शर्मा, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह बरकरार हैं। ये चारों खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के स्तंभ हैं और सभी फॉर्मेट में अहम भूमिका निभाते हैं। ग्रेड A में 6 खिलाड़ी शामिल हैं, जिनमें ऋषभ पंत को ग्रेड B से प्रोमोशन मिला है। पंत की शानदार वापसी और चैंपियंस ट्रॉफी में उनके प्रदर्शन ने उन्हें इस ग्रेड में जगह दिलाई।
ग्रेड B में 5 खिलाड़ी हैं, जिनमें श्रेयस अय्यर की वापसी सबसे बड़ी खबर है। पिछले साल रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने के कारण अय्यर को कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया था, लेकिन इस बार चैंपियंस ट्रॉफी और आईपीएल में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें ग्रेड B में जगह दिलाई। ग्रेड C में 19 खिलाड़ी हैं, जो सबसे ज्यादा है। इसमें 5 नए खिलाड़ियों के अलावा रिंकू सिंह, तिलक वर्मा, रुतुराज गायकवाड़ जैसे युवा सितारे शामिल हैं।
इसके अलावा, बीसीसीआई ने फास्ट बॉलिंग कॉन्ट्रैक्ट को भी खत्म कर दिया है। पिछले साल अकाश दीप, विजयकुमार वैशाक, उमरान मलिक, यश दयाल और विद्वत कवरप्पा को फास्ट बॉलिंग कॉन्ट्रैक्ट दिए गए थे, लेकिन इस बार इनका नाम सूची से हटा दिया गया। बीसीसीआई अब चुनिंदा तेज गेंदबाजों पर ध्यान देना चाहती है।

बीसीसीआई की रणनीति और भविष्य की योजना

बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट सूची सिर्फ खिलाड़ियों को सैलरी देने का जरिया नहीं है, बल्कि ये भारतीय क्रिकेट की दिशा और भविष्य की रणनीति को भी दर्शाती है। इस बार की सूची से साफ है कि बीसीसीआई युवा प्रतिभाओं को मौका देना चाहती है, लेकिन साथ ही अनुभवी खिलाड़ियों की अहमियत को भी समझती है। रोहित, कोहली, जडेजा और बुमराह जैसे दिग्गजों को ग्रेड A+ में रखकर बीसीसीआई ने दिखाया कि वे अभी भी टीम की रीढ़ हैं।
वहीं, अश्विन जैसे दिग्गज के रिटायरमेंट और शार्दुल, आवेश जैसे खिलाड़ियों को बाहर करने से ये भी साफ है कि बीसीसीआई फॉर्म और फिटनेस को लेकर सख्त है। श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की वापसी दिखाती है कि अगर खिलाड़ी मेहनत करें और घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लें, तो उन्हें दोबारा मौका मिल सकता है। ग्रेड C में 19 खिलाड़ियों को शामिल करना इस बात का सबूत है कि बीसीसीआई भविष्य के लिए एक मजबूत बेंच स्ट्रेंथ तैयार कर रही है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की जीत ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, और इस सूची में शामिल कई खिलाड़ी उस जीत के नायक रहे। वरुण चक्रवर्ती, हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी जैसे खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट मिलना इस बात का संकेत है कि बीसीसीआई उन खिलाड़ियों को पुरस्कृत करना चाहती है, जिन्होंने बड़े मंच पर प्रदर्शन किया।

निष्कर्ष: नई शुरुआत, नई उम्मीदें

बीसीसीआई का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2024-25 भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई शुरुआत है। आकाशदीप, अभिषेक शर्मा, नीतीश रेड्डी, वरुण चक्रवर्ती और हर्षित राणा जैसे नए चेहरों को मौका मिलना इस बात का सबूत है कि भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। इन खिलाड़ियों की मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया, और अब उनके पास मौका है कि वे भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करें।
वहीं, शार्दुल ठाकुर, आवेश खान, जितेश शर्मा, केएस भरत और आर अश्विन जैसे खिलाड़ियों का बाहर होना दुखद जरूर है, लेकिन ये क्रिकेट का हिस्सा है। अश्विन ने अपने शानदार करियर को अलविदा कह दिया, जबकि बाकी खिलाड़ियों के पास अभी भी वापसी का मौका है। बीसीसीआई की नीति साफ है – प्रदर्शन और घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना जरूरी है।
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की इस सूची ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय क्रिकेट बदलाव के दौर से गुजर रहा है। पुराने दिग्गजों का अनुभव और युवा खिलाड़ियों का जोश मिलकर भारतीय क्रिकेट को और मजबूत करेगा। फैंस को अब इंतजार है कि ये खिलाड़ी मैदान पर क्या कमाल दिखाते हैं। क्या ये नई प्रतिभाएं भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी? ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात पक्की है – भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है।


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