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Edgbaston Test – कप्तान शुभमन गिल ने रच दिया इतिहास, दोहरा शतरा जमाकर ‘पहाड़’ जैसा स्कोर खड़ा किया, विराट कोहली सहित आधा दर्जन रिकॉर्ड चकनाचूर

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Double Century of Shubhaman Gill- Birmingham test का एजबेस्टन मैदान (Edgbaston Ground), जहां क्रिकेट का इतिहास (History) बार-बार नए पन्नों पर लिखा जाता है, एक बार फिर गवाह बना एक ऐसी पारी (Innings) का, जिसने न केवल रिकॉर्ड्स (Records) की किताब को फिर से खोला, बल्कि भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों (Fans) के दिलों में एक नई उम्मीद (Hope) भी जगा दी। भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पांच टेस्ट मैचों (Test Matches) की सीरीज (Series) के दूसरे टेस्ट (Second Test) में भारतीय कप्तान (Captain) शुभमन गिल ने 269 रनों की धमाकेदार पारी (Explosive Innings) खेलकर क्रिकेट जगत (Cricket World) को हक्का-बक्का (Stunned) कर दिया। यह पारी न केवल उनकी बल्लेबाजी (Batting) की कला (Art) का प्रदर्शन थी, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य (Future) के लिए एक बड़ा संदेश (Message) भी थी। भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 587 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह स्कोर न केवल इंग्लैंड के गेंदबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण था, बल्कि गिल की कप्तानी में भारतीय बल्लेबाजी की गहराई को भी दर्शाता था।

शुभमन गिल की रिकॉर्ड-तोड़ पारी

Birmingham Test

जब शुभमन गिल ( Shubhaman Gill) 3 जुलाई को एजबेस्टन (Edgbaston) के मैदान (Ground) पर उतरे, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह युवा बल्लेबाज (Young Batsman) इतिहास (History) के पन्नों पर अपनी अमिट छाप (Indelible Mark) छोड़ने जा रहा है। 387 गेंदों (Balls) में 30 चौकों (Fours) और 3 छक्कों (Sixes) की मदद से खेली गई 269 रनों की उनकी पारी (Innings) ने न केवल भारतीय पारी (Indian Innings) को मजबूती (Strength) दी, बल्कि कई रिकॉर्ड्स (Records) को ध्वस्त (Demolished) कर दिया। गिल की यह पारी उनके टेस्ट करियर (Test Career) का पहला दोहरा शतक (First Double Century) थी और इसे देखकर ऐसा लगा मानो वह मैदान (Field) पर नहीं, बल्कि किसी कविता (Poetry) को बल्ले (Bat) से लिख रहे हों।

गिल ने कई रिकॉर्ड्स ध्वस्त किए

विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ा:
गिल (Shubhaman Gill) ने अपनी 269 रनों की पारी के साथ विराट कोहली का 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पुणे टेस्ट में बनाया गया 254* रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह भारतीय कप्तान के रूप में टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी थी। गिल ने 255वां रन बनाते ही यह उपलब्धि अपने नाम कर ली।
इंग्लैंड में सबसे बड़ी टेस्ट पारी:
गिल ने सुनील गावस्कर के 46 साल पुराने 221 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया, जो उन्होंने 1979 में इंग्लैंड में बनाया था। गिल अब इंग्लैंड की धरती पर किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा खेली गई सबसे बड़ी टेस्ट पारी के मालिक हैं।
SENA देशों में दोहरा शतक
गिल (Shubhaman Gil) SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में दोहरा शतक बनाने वाले पहले एशियाई कप्तान बन गए हैं। यह उपलब्धि उनके नेतृत्व और बल्लेबाजी की गहराई को दर्शाती है।
इंग्लैंड में दोहरा शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय
गिल इंग्लैंड में दोहरा शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले मंसूर अली खान पटौदी और सौरव गांगुली यह कारनामा कर चुके हैं। गिल ने 311 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया।
सबसे कम उम्र में दोहरा शतक
गिल ने 25 साल 298 दिन की उम्र में यह दोहरा शतक बनाया, जिसके साथ वह टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले सबसे युवा भारतीय बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो गए। मंसूर अली खान पटौदी ने 23 साल 39 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।
एजबेस्टन में रिकॉर्ड्स की झड़ी
गिल (Shubhaman Gil) ने 2018 में विराट कोहली के 149 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा और एजबेस्टन में शतक बनाने वाले पांचवें भारतीय बल्लेबाज बने। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रिषभ पंत, और रवींद्र जडेजा यह कारनामा कर चुके हैं।
भारतीय कप्तान के रूप में दोहरा शतक
गिल (Shubhaman Gil)भारतीय कप्तान के रूप में दोहरा शतक बनाने वाले पांचवें बल्लेबाज बने। विराट कोहली (7 बार), मंसूर अली खान पटौदी, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, और एमएस धोनी (प्रत्येक 1 बार) इस सूची में शामिल हैं।
इंग्लैंड में 150+ रन
गिल इंग्लैंड में 150 रन या उससे अधिक रन की पारी खेलने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन के बाद दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए।

टीम इंडिया ने ‘पहाड़’ खड़ा किया

भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 587 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह स्कोर न केवल इंग्लैंड के गेंदबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण था, बल्कि गिल की कप्तानी में भारतीय बल्लेबाजी की गहराई को भी दर्शाता था। गिल की 269 रनों की पारी के अलावा, रवींद्र जडेजा (89 रन) और यशस्वी जायसवाल (87 रन) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। वाशिंगटन सुंदर और अन्य निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भी उपयोगी रन जोड़े, जिससे भारत ने पहली पारी में मजबूत स्थिति हासिल की।

इंग्लैंड की गेंदबाजी कैसी रही

इंग्लैंड के शोएब बशीर ने 3 विकेट लिए, जबकि क्रिस वॉक्स और जोश टंग ने 2-2 विकेट चटकाए। जो रूट, बेन स्टोक्स, और ब्रायडन कार्स को 1-1 विकेट मिला। हालांकि, इंग्लैंड के गेंदबाज गिल के सामने बेबस नजर आए। खासकर गिल ने बशीर और स्टोक्स की गेंदों पर आक्रामक रुख अपनाया और मैदान के चारों ओर शॉट्स की बौछार की। भारत की पारी का अंत मोहम्मद सिराज के स्टंप आउट होने के साथ हुआ, जब वह बशीर की गेंद पर चकमा खा गए। लेकिन 587 रनों का स्कोर इंग्लैंड के लिए एक बड़ा लक्ष्य है, और भारत की गेंदबाजी, जिसमें मोहम्मद सिराज, और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाज शामिल हैं, इस स्कोर की रक्षा करने में सक्षम है।

पहले टेस्ट से तुलना

लीड्स टेस्ट बनाम बर्मिंघम टेस्ट
पहला टेस्ट लीड्स में खेला गया था, जहां गिल ने बतौर कप्तान अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उस मैच में भी गिल ने शानदार शतक (100 रन) बनाया था, और यशस्वी जायसवाल ने भी शतकीय पारी खेली थी। भारत ने उस मैच में मजबूत प्रदर्शन किया था, लेकिन इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में आक्रामक बल्लेबाजी (बाजबॉल) के दम पर वापसी की थी। हालांकि, भारत ने गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की थी।
गिल की बल्लेबाजी: पहले टेस्ट में गिल ने 100 रन बनाए थे, जो उनकी कप्तानी की शुरुआत में आत्मविश्वास बढ़ाने वाला था। लेकिन बर्मिंघम में उनकी 269 रनों की पारी ने न केवल उनके बल्लेबाजी कौशल को प्रदर्शित किया, बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता को भी उजागर किया।
टीम का स्कोर: लीड्स में भारत ने पहली पारी में 400+ रन बनाए थे, जबकि बर्मिंघम में यह स्कोर 587 तक पहुंचा। यह गिल की लंबी पारी और जडेजा-जायसवाल के योगदान का नतीजा था।
इंग्लैंड की गेंदबाजी:
पहले टेस्ट में इंग्लैंड की गेंदबाजी ने भारत को कुछ हद तक रोका था, लेकिन बर्मिंघम में गिल ने उनके गेंदबाजों को पूरी तरह बेअसर कर दिया। खासकर बशीर और स्टोक्स, जो पहले टेस्ट में प्रभावी थे, इस बार गिल के सामने असहाय नजर आए। लीड्स की पिच में शुरुआती नमी थी, जिसने गेंदबाजों को मदद दी थी। लेकिन एजबेस्टन की पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल थी, जिसका गिल ने पूरा फायदा उठाया।
टेस्ट मैच में भारत की स्थिति बेहद मजबूत है। 587 रनों का स्कोर इंग्लैंड के लिए एक विशाल चुनौती है, खासकर तब जब भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में विश्व स्तरीय गेंदबाज मौजूद हैं। इंग्लैंड की बल्लेबाजी, जो “बाजबॉल” के लिए जानी जाती है, इस बड़े स्कोर का पीछा करने में आक्रामक रुख अपना सकती है। लेकिन पहले टेस्ट में भारत ने दिखाया था कि उनकी गेंदबाजी इस रणनीति को तोड़ने में सक्षम है। गिल की 269 रनों की पारी ने भारत को मनोवैज्ञानिक बढ़त दी है।
जडेजा और जायसवाल के अर्धशतकों ने भारतीय बल्लेबाजी की गहराई दिखाई। सिराज, और अश्विन जैसे गेंदबाज इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर सकते हैं।
एजबेस्टन की पिच, जो अब तक बल्लेबाजी के लिए अनुकूल रही है, बाद में स्पिनरों के लिए मददगार हो सकती है, जहां अश्विन और जडेजा घातक साबित हो सकते हैं।
इंग्लैंड के पक्ष में:
बेन स्टोक्स और जो रूट जैसे अनुभवी बल्लेबाज भारत के गेंदबाजों को चुनौती दे सकते हैं।
बाजबॉल रणनीति बड़े लक्ष्य का पीछा करने में मदद कर सकती है, जैसा कि उन्होंने पहले टेस्ट में दिखाया था।
शोएब बशीर और जोश टंग ने भारत की पहली पारी में विकेट लिए, जिससे उनकी गेंदबाजी में आत्मविश्वास दिखता है।
भारत इस मैच में जीत का प्रबल दावेदार है। 587 रनों का स्कोर और भारतीय गेंदबाजी की ताकत इंग्लैंड के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। अगर इंग्लैंड की बल्लेबाजी टॉप ऑर्डर में जल्दी सिमटती है, तो भारत आसानी से मैच पर कब्जा कर सकता है। हालांकि, अगर स्टोक्स और रूट लंबी साझेदारी करते हैं, तो इंग्लैंड के पास ड्रॉ या चमत्कारिक जीत की संभावना बनी रहेगी।


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