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CSK in IPL – 4 मैच हारने के बाद भी वापसी कर सकती है धोनी की CSK ? ये 5 काम फौरन करने होंगे

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IPL 2025- चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने आईपीएल 2025 (IPL 2025) की शुरुआत मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के खिलाफ शानदार जीत (victory) के साथ की थी। लेकिन इसके बाद टीम को लगातार चार मुकाबलों (matches) में हार (defeat) का सामना करना पड़ा। पिछले मैच में पंजाब किंग्स (Punjab Kings) ने सीएसके को 18 रन से मात दी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पांच बार की चैंपियन (champion) टीम इस सीजन में वापसी (comeback) कर सकती है? जवाब है हां, बशर्ते टीम कुछ जरूरी बदलाव करे और अपनी कमियों को दूर करे। सबसे पहले हम पिछले मैचों में हार के कारण समझेंगे और फिर पांच कारणों पर बात करेंगे, जिनको करने से बात बन सकती है।

पिछले मैच क्यों हारी CSK?

CSK

सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि CSK पिछले चार मैचों में क्यों हारी। पहला मुकाबला मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीतने के बाद टीम का आत्मविश्वास (confidence) ऊंचा था, लेकिन इसके बाद लगातार हार ने टीम का हौसला तोड़ा। दूसरा मैच रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के खिलाफ था, जहां सीएसके की बल्लेबाजी (batting) पूरी तरह फ्लॉप रही। डिवोन कॉन्वे (Devon Conway) और रचिन रविंद्र (Rachin Ravindra) की ओपनिंग जोड़ी (opening pair) ने पावरप्ले (powerplay) में तेजी से रन नहीं बनाए, जिसके चलते मिडिल ओवरों में दबाव बढ़ गया। तीसरे मैच में दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) ने CSK को आसानी से हराया, क्योंकि गेंदबाजों (bowlers) ने शुरुआती विकेट (wickets) लेने में आलस दिखाया और बल्लेबाजों ने फिर से धीमी बल्लेबाजी की। चौथा मैच पंजाब किंग्स के खिलाफ था, जहां 18 रन से हार हुई। इस मैच में सीएसके ने 166 रन का पीछा (chase) किया, लेकिन बल्लेबाजों की धीमी शुरुआत और मिडिल ऑर्डर (middle order) का ढहना हार का कारण बना। गेंदबाजी में भी टीम ने पंजाब के बल्लेबाजों को रोकने में गलतियां कीं, खासकर डेथ ओवरों (death overs) में रन लीक हुए। इन हारों से साफ है कि टीम की ओपनिंग, बल्लेबाजी की रफ्तार (pace), और गेंदबाजी में अनुशासन (discipline) की कमी बड़े मुद्दे हैं। अब इन कमियों को ठीक करके सीएसके वापसी कैसे कर सकती है।

कारण नंबर एक: ओपनर बदलो

सीएसके के लिए इस सीजन में डिवोन कॉन्वे और रचिन रविंद्र ओपनिंग कर रहे हैं। दोनों खिलाड़ी अच्छे हैं, लेकिन पावरप्ले का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहे। पावरप्ले में सिर्फ 6 ओवर होते हैं, जिसमें फील्डिंग की पाबंदियां (restrictions) होती हैं। ये वो वक्त है जब टीमें तेजी से रन बनाती हैं, लेकिन कॉन्वे और रविंद्र की जोड़ी धीमी खेल रही है। पिछले चार मैचों में इन दोनों ने औसतन 30-35 रन ही बनाए पावरप्ले में, जो टी20 क्रिकेट (T20 cricket) में बहुत कम है। इससे मिडिल ऑर्डर पर दबाव बढ़ता है और बड़े स्कोर (big score) बनाने या चेज करने में मुश्किल होती है।
इस समस्या का हल है कि कप्तान रुतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) को फिर से ओपनिंग में लाया जाए। रुतुराज ने पहले सलामी बल्लेबाज (opener) के तौर पर आईपीएल में कमाल किया है। 2021 में उन्होंने ऑरेंज कैप (Orange Cap) जीती थी, यानी सबसे ज्यादा रन बनाए थे। उनकी खासियत ये है कि वो पावरप्ले में तेजी से रन बनाते हैं और पारी को आगे बढ़ाने का हुनर भी रखते हैं। पिछले सीजन में भी जब वो ओपनिंग करते थे, सीएसके की शुरुआत मजबूत रहती थी। अगर रुतुराज ओपनिंग में आते हैं, तो वो टीम को 50-60 रन की शुरुआत दे सकते हैं, जिससे बाकी बल्लेबाजों को आजादी मिलेगी।
पिछले मैचों में देखें तो कॉन्वे और रविंद्र की धीमी शुरुआत ने सीएसके को बैकफुट पर ला दिया। पंजाब किंग्स के खिलाफ 166 रन का टारगेट (target) चेज करना था, लेकिन पावरप्ले में सिर्फ 38 रन बने और दो विकेट भी गिर गए। अगर रुतुराज ओपनिंग करते, तो शायद शुरुआत बेहतर होती और टीम टारगेट के करीब पहुंचती। रुतुराज की तकनीक (technique) और अनुभव (experience) उन्हें इस रोल के लिए परफेक्ट बनाते हैं। टीम मैनेजमेंट (team management) को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए।

कारण नंबर दो: विस्फोटक बल्लेबाजी चाहिए

सीएसके के बल्लेबाज इस सीजन में तेजी से रन नहीं बना पा रहे। टी20 में विस्फोटक बल्लेबाजी (explosive batting) बहुत जरूरी है, खासकर जब आप 180-200 रन के स्कोर चेज कर रहे हों। लेकिन सीएसके की टीम पुराने ढर्रे पर खेल रही है—धीमी शुरुआत, फिर मिडिल ओवरों में संभलकर खेलना, और आखिर में हड़बड़ी में विकेट गंवाना। ये रणनीति (strategy) आज के टी20 में काम नहीं करती। पिछले चार हार में यही पैटर्न (pattern) दिखा। मिसाल के तौर पर, पंजाब किंग्स के खिलाफ 166 रन का पीछा करते हुए सीएसके का स्कोर 15 ओवर बाद 120/5 था। आखिरी 5 ओवर में 46 रन चाहिए थे, लेकिन विस्फोटक बल्लेबाज न होने की वजह से टीम हार गई।
सीएसके के पास एमएस धोनी (MS Dhoni), शिवम दुबे (Shivam Dube), और रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) जैसे खिलाड़ी हैं, जो बड़े शॉट्स (big shots) खेल सकते हैं। लेकिन धोनी अब नीचे बल्लेबाजी करते हैं और जडेजा को ऊपर भेजने में टीम हिचकिचाती है। शिवम दुबे ने कुछ मैचों में तेज खेलने की कोशिश की, लेकिन वो लगातार ऐसा नहीं कर पाए। टीम को अपनी अप्रोच (approach) बदलनी होगी। बल्लेबाजों को शुरू से ही आक्रामक (aggressive) रुख अपनाना चाहिए। अगर मिडिल ओवरों में 2-3 बड़े ओवर खेल लिए जाएं, तो दबाव कम हो सकता है।
पिछले सीजन में सीएसके की बल्लेबाजी में आक्रामकता थी। अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने भी तेज खेलकर सबको चौंकाया था। इस बार टीम को फिर से ऐसी सोच अपनानी होगी। मैनेजमेंट को खिलाड़ियों से साफ कहना चाहिए कि डरकर मत खेलो, खुलकर शॉट्स मारो। अगर ये बदलाव होता है, तो सीएसके बड़े स्कोर बना सकती है और चेज करने में भी कामयाब हो सकती है।

कारण नंबर तीन: गेंदबाजी में वैरिएशन

सीएसके की गेंदबाजी इस सीजन में कमजोर कड़ी रही है। पिछले चार मैचों में गेंदबाजों ने ढेर सारे रन लुटाए, खासकर डेथ ओवरों में। पंजाब किंग्स के खिलाफ पिछले मैच में पंजाब ने आखिरी 5 ओवरों में 60 रन बनाए, जो हार का बड़ा कारण बना। मथीशा पथिराना (Matheesha Pathirana) और नूर अहमद (Noor Ahmad) जैसे गेंदबाजों ने शुरुआत में अच्छा किया, लेकिन बाद में लाइन-लेंग्थ (line and length) बिगड़ गई। रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) का अनुभव भी काम नहीं आया, क्योंकि वो महंगे साबित हुए।
टीम को वापसी करनी है, तो गेंदबाजी में अनुशासन लाना होगा। गेंदबाजों को सही जगह गेंद डालनी होगी, खासकर यॉर्कर (yorkers) और स्लोअर बॉल्स (slower balls) का इस्तेमाल बढ़ाना होगा। डेथ ओवरों में रन रोकना सीएसके के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले सीजन में तुषार देशपांडे (Tushar Deshpande) और पथिराना ने ये काम बखूबी किया था। इस बार भी उन पर भरोसा करना होगा। साथ ही, जडेजा और अश्विन जैसे स्पिनरों (spinners) को मिडिल ओवरों में विकेट लेने की जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर गेंदबाजी यूनिट (bowling unit) एकजुट होकर सही प्लान (plan) के साथ खेले, तो विरोधी टीम को कम स्कोर पर रोका जा सकता है।

कारण नंबर चार: टीम कॉम्बिनेशन बदलो

सीएसके का मौजूदा टीम कॉम्बिनेशन (team combination) संतुलित नहीं दिख रहा। ओपनिंग जोड़ी फेल हो रही है, मिडिल ऑर्डर में स्थिरता (stability) नहीं है, और गेंदबाजी में भी सही मिश्रण (mix) नहीं मिल पा रहा। पिछले चार मैचों में टीम ने लगभग एक ही प्लेइंग इलेवन (playing XI) के साथ खेला, लेकिन नतीजे नहीं आए। पंजाब के खिलाफ हार में ये साफ दिखा कि टीम में बदलाव की जरूरत है।
वापसी के लिए मैनेजमेंट को हिम्मत दिखानी होगी। मिसाल के तौर पर, राहुल त्रिपाठी (Rahul Tripathi) को मिडिल ऑर्डर में आजमाया जा सकता है। वो तेज खेलने में माहिर हैं। साथ ही, खलील अहमद (Khalil Ahmed) जैसे तेज गेंदबाज को मौका देना चाहिए, जो स्विंग (swing) से शुरुआती विकेट ले सकते हैं। धोनी को भी ऊपर भेजने पर विचार करना चाहिए, ताकि उनकी फिनिशिंग स्किल्स (finishing skills) का पूरा फायदा मिले। अगर टीम सही खिलाड़ियों को सही जगह इस्तेमाल करे, तो प्रदर्शन (performance) में सुधार होगा।

कारण नंबर पांच: आत्मविश्वास रखो

आखिरी कारण है टीम का आत्मविश्वास। चार हार के बाद खिलाड़ियों का मनोबल (morale) नीचे गया होगा। लेकिन सीएसके ऐसी टीम है, जो मुश्किल वक्त से उबरना जानती है। धोनी का नेतृत्व (leadership) और रुतुराज की कप्तानी अभी भी टीम को एकजुट कर सकती है। मैनेजमेंट को खिलाड़ियों को भरोसा देना होगा कि वो वापसी कर सकते हैं।
पिछले सीजन में भी सीएसके ने कई करीबी मैच जीते थे, क्योंकि उनकी रणनीति साफ थी। इस बार भी सही प्लानिंग और उस पर अमल से टीम फिर से जीत की राह पर आ सकती है। हर खिलाड़ी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी—बल्लेबाजों को रन बनाने होंगे, गेंदबाजों को विकेट लेने होंगे। अगर टीम एकजुट होकर खेले, तो प्लेऑफ (playoffs) की उम्मीद जिंदा रखी जा सकती है।
तो चेन्नई सुपर किंग्स के पास अनुभव, प्रतिभा (talent), और इतिहास है। अगर वो इन पांच कारणों पर काम करे, तो इस सीजन में वापसी मुमकिन है। पिछले चार हार से सबक लेते हुए टीम को अब आगे बढ़ना होगा। फैन्स को भी उम्मीद है कि उनकी ‘येलो आर्मी’ फिर से मैदान पर धमाल मचाएगी।


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