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Dhoni’s Return- लगातार हार रही चेन्नई सुपर किंग्स की कमान फिर धोनी ने संभाली, इन 3 रणनीतियों पर काम करेंगे

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Can CSK Become Champions Again?- जब बात क्रिकेट की आती है, तो एक नाम जो हर भारतीय फैन के दिल में धड़कता है, वो है महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)। “माही” के नाम से मशहूर धोनी न सिर्फ एक खिलाड़ी हैं, बल्कि एक भावना हैं, एक विश्वास हैं। और जब ये खबर आई कि चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) के नियमित कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) चोट की वजह से आईपीएल 2025 (IPL 2025) से बाहर हो गए हैं और धोनी एक बार फिर कप्तानी की कमान संभालने जा रहे हैं, तो फैंस के बीच उत्साह की लहर दौड़ गई। सवाल ये है कि क्या धोनी की वापसी चेन्नई सुपरकिंग्स को फिर से चैंपियन बना सकती है? आइए, इस सवाल का जवाब तलाशते हैं।

धोनी की कप्तानी का जादू (The Magic of Dhoni’s Captaincy)

dhoni

धोनी को क्रिकेट का सबसे चतुर और शांतचित्त कप्तान माना जाता है। चाहे वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हो या फिर इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League), उनकी रणनीति और फैसले हमेशा चर्चा में रहते हैं। चेन्नई सुपरकिंग्स ने उनकी कप्तानी में पांच बार आईपीएल का खिताब जीता है—2010, 2011, 2018, 2021 और 2023 में। ये आंकड़े अपने आप में बता देते हैं कि धोनी का नेतृत्व कितना असरदार है।
धोनी की खासियत है उनकी शांत रहने की कला। चाहे मैदान पर कितना भी दबाव हो, वो कभी घबराते नहीं। उनकी ये खूबी न सिर्फ उन्हें, बल्कि पूरी टीम को प्रेरित करती है। चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम (MA Chidambaram Stadium), जिसे प्यार से चेपॉक (Chepauk) कहा जाता है, में धोनी का जलवा देखने लायक होता है। फैंस का “थाला” (Thala) कहकर चिल्लाना और पीली जर्सी में धोनी को देखना—ये हर सीएसके फैन का सपना है।
इस बार जब ऋतुराज गायकवाड़ को कोहनी में फ्रैक्चर हुआ, तो टीम मैनेजमेंट ने बिना देर किए धोनी को फिर से कप्तान बनाने का फैसला किया। ये फैसला न सिर्फ फैंस के लिए खुशी की बात है, बल्कि ये भी दिखाता है कि धोनी पर आज भी टीम का भरोसा कितना मजबूत है। लेकिन सवाल ये है कि क्या 43 साल की उम्र में धोनी वही जादू दोहरा पाएंगे?

धोनी का 2025 आईपीएल में प्रदर्शन (Dhoni’s Performance in IPL 2025)

आईपीएल 2025 में धोनी की बल्लेबाजी को लेकर शुरुआत में कुछ सवाल उठे थे। चार मैचों में उन्होंने 76 रन बनाए, जिसमें उनकी टाइमिंग और पुरानी रफ्तार थोड़ी कम दिखी। उदाहरण के लिए, राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के खिलाफ धोनी ने 11 गेंदों में 16 रन बनाए, जिसमें एक छक्का और एक चौका शामिल था। दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के खिलाफ चेपॉक में खेले गए मैच में भी वो ज्यादा रन नहीं बना पाए। इन आंकड़ों को देखकर कुछ आलोचकों ने कहा कि धोनी अब पहले जैसे फिनिशर नहीं रहे।
लेकिन धोनी को सिर्फ रनों के आधार पर आंकना ठीक नहीं। उनकी असली ताकत है उनकी विकेटकीपिंग और मैदान पर मौजूदगी। इस सीजन में धोनी ने कई शानदार स्टंपिंग और कैच पकड़े। मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के खिलाफ मैच में उन्होंने सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) को 0.12 सेकंड में स्टंप आउट किया, जो उनकी फुर्ती का सबूत है। 43 की उम्र में भी उनकी रिफ्लेक्स और खेल के प्रति जुनून देखने लायक है।
बल्ले से भले ही धोनी इस बार ज्यादा रन न बना पाए हों, लेकिन उनकी छोटी-छोटी पारियां भी टीम के लिए अहम रही हैं। दिल्ली के खिलाफ 84 रनों की साझेदारी में धोनी ने विजय शंकर (Vijay Shankar) के साथ मिलकर मुश्किल वक्त में टीम को संभाला। ये दिखाता है कि धोनी अब भी दबाव में रन बनाने की कला जानते हैं।
विकेटकीपिंग के अलावा, धोनी की रणनीति और खिलाड़ियों को सही जगह पर इस्तेमाल करने की काबिलियत इस सीजन में भी दिखी। जब वो कप्तान नहीं थे, तब भी वो मैदान पर ऋतुराज को सलाह देते दिखे। अब जब वो खुद कप्तान हैं, तो उनकी रणनीति का असर और साफ दिखेगा।

चेन्नई की मौजूदा स्थिति (CSK’s Current Situation)

CSK

आईपीएल 2025 में चेन्नई की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पांच मैचों में सिर्फ एक जीत और चार हार के साथ टीम अंक तालिका में नीचे है। ऋतुराज की कप्तानी में टीम को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore), राजस्थान रॉयल्स, और दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इन हार की वजह टॉप ऑर्डर की नाकामी और मिडिल ऑर्डर में स्थिरता की कमी रही।
ऋतुराज ने भले ही बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया—जैसे राजस्थान के खिलाफ 63 रन—but उनकी चोट ने टीम को मुश्किल में डाल दिया। उनके बाहर होने से बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों पर असर पड़ा। अब धोनी के सामने चुनौती है कि वो इस डूबती नाव को कैसे किनारे लगाते हैं।
चेन्नई की ताकत हमेशा से उनकी संतुलित टीम रही है। इस बार भी उनके पास रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja), शिवम दुबे (Shivam Dube), मथीशा पथिराना (Matheesha Pathirana), और नूर अहमद (Noor Ahmad) जैसे खिलाड़ी हैं। लेकिन इन खिलाड़ियों को सही समय पर इस्तेमाल करना और उनकी ताकत को मैदान पर उतारना धोनी की जिम्मेदारी है।

धोनी की कप्तानी का इतिहास (Dhoni’s Captaincy Record)

धोनी की कप्तानी का रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने चेन्नई के लिए 226 आईपीएल मैचों में कप्तानी की, जिसमें 133 में जीत मिली। सिर्फ 91 हार और एक टाई—ये आंकड़े उनकी काबिलियत को दर्शाते हैं। उनकी रणनीति में गहराई और सादगी दोनों होती है। वो बड़े-बड़े फैसले लेने से नहीं डरते, फिर चाहे वो किसी नए खिलाड़ी को मौका देना हो या फिर स्पिनर को डेथ ओवर्स में गेंद थमाना हो।
2022 में भी धोनी ने बीच सीजन में कप्तानी संभाली थी, जब रवींद्र जडेजा की कप्तानी में टीम लगातार हार रही थी। उस वक्त धोनी ने न सिर्फ टीम को संभाला, बल्कि अगले सीजन (2023) में चेन्नई को चैंपियन बनाया। ये दिखाता है कि धोनी मुश्किल हालात में भी कमाल कर सकते हैं।
उनकी सबसे बड़ी ताकत है खिलाड़ियों से उनका भरोसा जीतना। चाहे वो डेवोन कॉन्वे (Devon Conway) जैसे विदेशी खिलाड़ी हों या फिर मुकेश चौधरी (Mukesh Choudhary) जैसे युवा गेंदबाज, धोनी हर किसी को आत्मविश्वास देते हैं। उनकी ये खूबी चेन्नई को इस बार भी आगे ले जा सकती है।

 

क्या धोनी फिर करेंगे कमाल? (Can Dhoni Work His Magic Again?)

धोनी की कप्तानी में चेन्नई हमेशा एक मजबूत दावेदार रही है। लेकिन इस बार चुनौतियां अलग हैं। पहली चुनौती है धोनी की उम्र और फिटनेस। 43 साल की उम्र में पूरे सीजन कप्तानी और विकेटकीपिंग करना आसान नहीं। दूसरी चुनौती है टीम का मौजूदा फॉर्म। चार हार के बाद खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना जरूरी है।
लेकिन धोनी के लिए “मुमकिन” शब्द ही काफी है। उनकी रणनीति हमेशा सटीक होती है। वो जानते हैं कि कब स्पिनर को लाना है, कब पेसर को, और कब बल्लेबाज को आक्रामक खेलने देना है। कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) के खिलाफ 11 अप्रैल को होने वाला मैच धोनी की कप्तानी का पहला टेस्ट होगा। अगर वो इस मैच में जीत दिला पाए, तो ये टीम के लिए टर्निंग पॉइंट हो सकता है।
धोनी की सबसे बड़ी ताकत है उनका अनुभव। उन्होंने हर तरह के हालात देखे हैं—चाहे वो फाइनल का दबाव हो या फिर ग्रुप स्टेज की हार। वो जानते हैं कि हार से कैसे उबरना है और जीत को कैसे दोहराना है। उनकी ये काबिलियत चेन्नई को फिर से चैंपियन बना सकती है।

फैंस का भरोसा माही पर

चेन्नई सुपरकिंग्स के फैंस के लिए धोनी सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक आइकन हैं। चेपॉक में “धोनी-धोनी” की गूंज हो या फिर सोशल मीडिया पर #WhistlePodu का ट्रेंड, फैंस का प्यार धोनी के लिए कभी कम नहीं हुआ। उनकी कप्तानी की खबर ने फैंस में नई उम्मीद जगा दी है।
धोनी का प्रभाव सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं। वो युवा खिलाड़ियों के लिए मेंटॉर हैं। राहुल त्रिपाठी (Rahul Tripathi) और रचिन रविंद्र (Rachin Ravindra) जैसे खिलाड़ी धोनी की सलाह से बहुत कुछ सीख रहे हैं। उनकी मौजूदगी ही ड्रेसिंग रूम में सकारात्मक माहौल बनाती है।

माही है तो मुमकिन है

धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स का इतिहास गवाह है कि वो मुश्किल से मुश्किल हालात में भी वापसी कर सकती है। इस बार भले ही शुरुआत खराब रही हो, लेकिन धोनी का अनुभव, उनकी रणनीति, और फैंस का साथ चेन्नई को फिर से चैंपियन बना सकता है। वापसी के लिए धोनी को तीन काम करने हैं। वो हैं ओपनिंग जोड़ी को सटीक बनाना, कांस्टीटेंसी पर फोकस और जीत के लिए जी-जान लड़ा देना।
धोनी का इस सीजन का प्रदर्शन भले ही बल्ले से उतना प्रभावशाली न रहा हो, लेकिन उनकी विकेटकीपिंग, रणनीति, और नेतृत्व ने दिखाया कि वो अब भी खेल के मास्टर हैं। अगर वो खिलाड़ियों का सही इस्तेमाल करें और टीम को एकजुट रखें, तो चेन्नई का छठा खिताब जीतना कोई सपना नहीं।तो, क्या धोनी फिर से चेन्नई को चैंपियन बनाएंगे? जवाब है—माही है, तो मुमकिन है!


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