Battle of Edgbaston – टीम इंडिया के वो 5 ‘बाजीगर’, जिन्होंने ‘बाजी’ पलट दी, अंग्रेजों का ‘गरूर’ उनके घर में कैसे तोड़ा ?
Edgbaston test में टीम इंडिया ( team india) जीती तो जीती, लेकिन ऐसा जीती कि हिस्ट्री की मिस्ट्री पलट दी। बॉलीवुड ‘इस्टाइल’ में कहें तो “शुभमन गिल एंड कंपनी ने ‘द बैटल ऑफ ऐजबेस्टन’ से बॉक्स ऑफिस पलट दिया।एक ऐसी ब्लॉकबस्टर स्टोरी, जहां हीरो अकेले नहीं, अपनी पूरी आर्मी लेकर मैदान में उतरा… और अंग्रेजों को उनकी ही धरती पर धूल चटा दी! ओपनिंग सीन
58 साल का इंतजार था, बर्मिंघम की वही ऐजबेस्टन की ज़मीन, जहां पहले हमारी टीम खामोशी से लौटती थी… लेकिन इस बार?
शुभमन गिल नाम का यंग कमांडर आया और बोला – “अबकी बार जीत से कम कुछ नहीं!”
और फिर जो हुआ… उसे ‘हिस्ट्री की मिस्ट्री’ कहते हैं, बाबू मोशाय! शुभमन गिल – बल्ला बोले तो राजा बोले!
भाई साहब, गिल ने जो किया, वो गब्बर भी नहीं कर पाया!
पहली पारी में नाट आउट 269 रन – यानी बल्ले से गोला बरसाना शुरू!
सेकेंड इनिंग में 162 बॉल पर 161 रन – मतलब इंग्लिश बॉलर बोले, “हमसे ना हो पाएगा।”
टोटल 430 रन एक मैच में – और कप्तानी में ऐसा प्लान बनाया कि अंग्रेज चकरघिन्नी बन गए।
गिल = बल्लेबाज + कप्तान + क्रिकेट का शेर! मोहम्मद सिराज – अंग्रेजों का नया सिरदर्द!
इन्हें कहते हैं तेज गेंदबाज़ी का बाप!
पहली पारी में 6 विकेट, दूसरी पारी में सपने तोड़े।
गेंद स्विंग करती थी जैसे बॉलीवुड हीरो की जैकेट हवा में उड़ती है – स्टाइल, स्वैग और सटीकता!
हर बॉल पर लगा जैसे बोले – “तेरे बाप का बदला ले रहा हूं बे!” आकाश दीप – नया हीरो, पुरानी आग!
दीप ने जलाई आग, और इंग्लैंड जलकर खाक!
भाई ये बंदा तो टेस्ट डेब्यू नहीं, धमाका करने आया था!
दोनों पारियों में मिलाकर 10 विकेट – यानि इंग्लैंड वालों की नींद उड़ा दी!
जैक क्रॉली, जो रूट – बड़े नाम, लेकिन आकाश भाई के आगे सब ‘Catch Out’ या ‘Bowled’ बन गए। ऋषभ पंत – मस्ती का मास्टर, मैच का मेकर!
उप-कप्तान तो थे ही, लेकिन इनका काम था “आग लगाना और स्टंप के पीछे शांति बनाए रखना!”
पहली पारी में 65 गेंदों पर 65 रन, उसमें तड़का – 3 छक्कों का झन्नाटेदार झटका!
विकेटकीपिंग ऐसी की – गेंदबाज़ों को मिला भरोसा और इंग्लिश बल्लेबाज़ों को मिला डर!
पंत = पावर + पंच + परफेक्शन! रविंद्र जडेजा – ऑलराउंडर मतलब जड्डू बाबा!
जब टीम को ज़रूरत थी, तब 89 रनों की पार्टनरशिप गिल के साथ,
और फिर दूसरी पारी में नाबाद 69 रन – मतलब विकेट छोड़ना पाप था उनके लिए!
गेंद से भी बोले – “लो पकड़ो विकेट” – और निकाल लिए अहम मौके पर बल्लेबाज़ों के पैड!
बल्ला घुमाया, गेंद घूमाई – मैच को अपनी मुठ्ठी में लाया! फिनाले: अंग्रेजों का सफाया और भारत का नया इतिहास!
शुभमन की सेना ने मैदान पर ऐसा कब्जा जमाया, जैसे फिल्म के क्लाइमेक्स में विलेन के अड्डे पर हीरो का अटैक हो गया हो!
इंग्लैंड को 608 रन का टारगेट मिला – और जवाब में इंग्लैंड की टीम 271 रन पर ढेर!
मतलब – “अबे ओ इंग्लिश! अगली बार थोड़ा तैयारी से आना!” ये जीत क्या थी?
एक फिल्म, एक इमोशन, एक बवाल – जिसमें
गिल का दिमाग,
सिराज-दीप की आग,
पंत-जडेजा का धुआंधार गेम –
सबने मिलकर भारत को दिया एक ऐतिहासिक तमाचा… इंग्लैंड की धरती पर!“शुभमन गिल एंड गैंग ने जो किया, वो सिर्फ टेस्ट जीत नहीं थी, वो था – इतिहास को फिर से लिखना… और इंग्लिश टीम को मिट्टी में मिला देना!”
भारत माँ के शेरों को सलाम!
अब थोड़ा सीरियस होकर पढ़ लीजिए

बॉलीवुड (Bollywood) के सितारों की तरह, क्रिकेट (Cricket) के मैदान पर भी कुछ खिलाड़ी अपने प्रदर्शन (Performance) से इतिहास (History) रच देते हैं। ऐजबेस्टन (Edgbaston) टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने 58 साल बाद बर्मिंघम (Birmingham) की पिच पर ऐसी छाप छोड़ी कि इंग्लैंड (England) की टीम चारों खाने चित हो गई। कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) के नेतृत्व (Leadership) में भारत ने न केवल बल्लेबाजी (Batting) और गेंदबाजी (Bowling) में शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि एक ऐसी जीत (Victory) हासिल की, जो टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी। इस जीत में गिल के साथ-साथ चार अन्य खिलाड़ियों—मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj), आकाश दीप (Akash Deep), ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja)—ने अहम भूमिका निभाई। इन पांचों ने मिलकर इंग्लिश (English) बल्लेबाजों को धूल चटाई और भारत को ऐजबेस्टन में पहली बार टेस्ट जीत दिलाई। क्रिकेट ज़ोन हिन्दी (cricketzonehindi.com) आज आपको इन जांबांजो की पूरी कहानी बताएगा।
ऐजबेस्टन टेस्ट मैच (Test Match) में भारतीय टीम ने हर विभाग (Department) में अपना दबदबा कायम किया। शुभमन गिल ने कप्तानी (Captaincy) और बल्लेबाजी में जो कमाल दिखाया, उसे शायद ही कोई प्रशंसक (Fan) भूल पाए। उनकी रणनीति (Strategy) और आक्रामकता (Aggression) ने इंग्लैंड को पूरी तरह से चक्रव्यूह (Trap) में फंसा दिया। गिल के साथ-साथ सिराज और आकाश दीप की तेज गेंदबाजी (Fast Bowling) ने इंग्लिश बल्लेबाजों (Batsmen) को बेकार कर दिया, जबकि पंत और जडेजा ने बल्ले और विकेटकीपिंग (Wicketkeeping) से भारत को मजबूत स्थिति में रखा। यह जीत न केवल एक मैच की जीत थी, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट की उस ‘स्प्रिट’ का प्रतीक थी, जो हार के बाद उठ खड़े होने और चुनौतियों (Challenges) को स्वीकार करने का जज्बा रखती है। लीड्स (Headingley) में हार के बाद यह भारत का करारा जवाब (Comeback) था, जिसने न सिर्फ सीरीज (Series) को 1-1 से बराबर किया, बल्कि ऐजबेस्टन की पिच को भारतीय गेंदबाजों के लिए अनुकूल (Favorable) बना दिया।
शुभमन गिल यानी बाजीगर

शुभमन गिल ने इस टेस्ट में न केवल अपनी कप्तानी से सबका दिल जीता, बल्कि बल्लेबाजी में भी रिकॉर्ड्स (Records) की झड़ी लगा दी। पहली पारी (First Innings) में उन्होंने 269 रनों की नाबाद (Not Out) पारी खेली, जिसने 1979 में सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यह पारी इतनी शानदार थी कि भारत ने पहली पारी में ही विशाल स्कोर (Huge Score) खड़ा कर लिया। दूसरी पारी में गिल ने 162 गेंदों में 161 रन बनाए, जिसमें उनकी आक्रामकता और रणनीति का बेजोड़ मिश्रण (Blend) देखने को मिला। दोनों पारियों में कुल 430 रन, जिसमें एक दोहरा शतक (Double Century) और एक शतक (Century) शामिल था, ने उन्हें टेस्ट इतिहास (Test History) में पांचवें ऐसे बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया, जिन्होंने एक मैच में 400 से ज्यादा रन बनाए। गिल का यह प्रदर्शन सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि (Individual Achievement) नहीं था, बल्कि यह उनकी कप्तानी में आत्मविश्वास (Confidence) और दबाव (Pressure) को संभालने की कला का प्रतीक था। उनकी रणनीति ने इंग्लैंड को 536 रनों का विशाल लक्ष्य (Target) दिया, जिसका पीछा करना इंग्लिश टीम के लिए असंभव साबित हुआ। गिल ने न सिर्फ बल्ले से, बल्कि अपनी कप्तानी से भी यह साबित किया कि वे एक बाजीगर (Game Changer) हैं।
अंग्रेज बल्लेबाजों का काल- मोहम्मद सिराज

मोहम्मद सिराज ने इस टेस्ट में अपनी गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बेबस कर दिया। पहली पारी में 6/70 के आंकड़े के साथ सिराज ने इंग्लिश शीर्ष क्रम (Top Order) को तहस-नहस कर दिया। उनकी गेंदें (Deliveries) दोनों तरफ स्विंग (Swing) कर रही थीं, और मध्य पारी (Middle Overs) में लगातार विकेट (Wickets) लेकर उन्होंने इंग्लैंड की वापसी की सारी उम्मीदों (Hopes) को चकनाचूर कर दिया। सिराज ने मैच से पहले प्रैक्टिस सेशन (Practice Session) में ही दावा किया था कि वे इस टेस्ट में बड़ा किरदार निभाएंगे, और उन्होंने इसे हकीकत में बदल दिया। दूसरी नई गेंद (Second New Ball) के साथ उनका स्पेल (Spell) इतना घातक था कि इंग्लिश बल्लेबाज उनके सामने बेबस नजर आए। सिराज की गति (Pace) और सटीकता (Accuracy) ने भारत को शुरुआती बढ़त (Early Advantage) दिलाई, जिसने पूरे मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया। उनकी यह गेंदबाजी ऐजबेस्टन की पिच पर भारतीय तेज गेंदबाजों (Fast Bowlers) की ताकत का जीता-जागता उदाहरण थी।
आकाश दीप यानी मैजिकल बॉलर

आकाश दीप ने इस टेस्ट में अपनी तेज गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया। पहली पारी में चार विकेट और पूरे मैच में 10 विकेट (Ten-Wicket Haul) लेकर उन्होंने साबित किया कि वे भारतीय गेंदबाजी आक्रमण (Bowling Attack) का एक अहम हिस्सा हैं। उनकी गति और सटीक लाइन-लेंथ (Line and Length) ने इंग्लिश बल्लेबाजों को लगातार परेशान किया। खास तौर पर बेन डकेट (Ben Duckett) को दोनों पारियों में आउट करने का उनका तरीका देखने लायक था। पहली पारी में डकेट को स्लिप (Slip) में कैच कराया, जब गेंद बाहर की ओर मूव (Movement) हुई, और दूसरी पारी में इनस्विंगर (Inswinger) से उन्हें बोल्ड (Bowled) कर दिया। आकाश दीप की गेंदबाजी में तैयारी (Preparation) और आत्मविश्वास साफ झलक रहा था। जैक क्रॉली (Zak Crawley) और जो रूट (Joe Root) जैसे बल्लेबाजों को भी उनकी गेंदों ने परेशान किया, क्योंकि वे गेंद को सही जगह पिच (Pitch) कराकर मूवमेंट हासिल करने में माहिर थे। आकाश दीप की यह परफॉर्मेंस (Performance) भारत की जीत का एक बड़ा आधार बनी।
ऋषभ पंत- बल्ले से धमाल और दस्तानों से कमाल

ऋषभ पंत ने इस टेस्ट में उप-कप्तान (Vice-Captain) की भूमिका निभाते हुए दोनों पारियों में अहम योगदान दिया। पहली पारी में 65 गेंदों में 65 रन, जिसमें तीन छक्के (Sixes) शामिल थे, ने भारतीय पारी को तेज गति (Momentum) दी। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी (Aggressive Batting) ने भारत को स्कोरबोर्ड (Scoreboard) पर मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। दूसरी पारी में भी पंत ने मध्य पारी (Middle Order) में रन गति को बनाए रखा और विकेटकीपिंग में अपनी ऊर्जा (Energy) से इंग्लैंड पर दबाव बनाए रखा। पंत की चपलता (Agility) और उत्साह ने न केवल बल्लेबाजी में, बल्कि विकेट के पीछे (Behind the Stumps) भी भारत को मजबूती दी। उनकी यह ऑलराउंड (All-Round) परफॉर्मेंस टीम की जीत में एक महत्वपूर्ण कड़ी थी।
रविंद्र जडेजा- बंदा ये बिन्दास है

रविंद्र जडेजा ने इस टेस्ट में अपनी ऑलराउंड क्षमता (All-Round Ability) का लोहा मनवाया। पहली पारी में जब भारत को एक मजबूत साझेदारी (Partnership) की जरूरत थी, तब जडेजा ने शुभमन गिल के साथ 208 रनों की साझेदारी की और खुद 89 रन बनाए। यह साझेदारी भारत के विशाल स्कोर का आधार बनी। दूसरी पारी में जडेजा की 69* रनों की नाबाद पारी ने भारत को और मजबूती दी। गेंदबाजी में भी जडेजा ने संतुलन (Balance) बनाए रखा और अहम मौकों पर विकेट लिए। उनकी सूझबूझ (Game Sense) और बहुमुखी प्रतिभा (Versatility) ने भारत को हर विभाग में मजबूत रखा। जडेजा की यह परफॉर्मेंस इस टेस्ट में भारत की जीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
टीम इंडिया का ‘पंच’, अंग्रेज हो गए ‘हंट’

शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा—इन पांच खिलाड़ियों ने मिलकर ऐजबेस्टन में भारत की पहली टेस्ट जीत को संभव बनाया। गिल की कप्तानी और बल्लेबाजी ने टीम को दिशा दी, सिराज और आकाश दीप की गेंदबाजी ने इंग्लैंड को बैकफुट (Backfoot) पर रखा, जबकि पंत और जडेजा ने मध्य पारी और ऑलराउंड प्रदर्शन से भारत को संतुलित (Balanced) बनाए रखा। यह जीत केवल एक टेस्ट मैच की जीत नहीं थी, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के जज्बे और एकजुटता (Team Spirit) का प्रतीक थी। ऐजबेस्टन की इस जीत ने न केवल सीरीज को बराबर किया, बल्कि भारतीय क्रिकेट को एक नया आत्मविश्वास (Confidence) दिया ।
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