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South Africa won ICC Trophy – ऑस्ट्रेलिया को हराकर दक्षिण अफ्रीका ने कैसे जीती टेस्ट की ‘बादशाहत’, इन 5 क्रिकेटरों ने दिलाई 27 साल बाद ICC ट्रॉफी

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World Test Championship- साउथ अफ्रीका (South Africa) ने क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। उन्होंने ‘क्रिकेट के मक्का’ (Mecca of Cricket) यानी लॉर्ड्स स्टेडियम (Lord’s Stadium) में 27 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी (ICC Trophy) जीतकर इतिहास रच दिया। यह जीत साउथ अफ्रीका के लिए बेहद खास थी, क्योंकि उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया (Australia) जैसी मजबूत टीम को 5 विकेट से हरा दिया। ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका को 282 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे साउथ अफ्रीका ने खेल के चौथे दिन पहले सेशन में ही हासिल कर लिया। इस ऐतिहासिक जीत के पीछे कई खिलाड़ियों का योगदान रहा, जिन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी, गेंदबाजी और कप्तानी से टीम को चैंपियन बनाया।

साउथ अफ्रीका की ऐतिहासिक जीत (South Africa’s Historic Victory)

ICC Trophy

साउथ अफ्रीका (South Africa) ने 27 साल बाद आईसीसी की किसी बड़ी ट्रॉफी को अपने नाम किया। इससे पहले उनकी आखिरी बड़ी जीत 1998 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी (ICC Knockout Trophy) में थी। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का यह फाइनल उनके लिए बेहद खास था, क्योंकि यह टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) का सबसे बड़ा मंच है। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराना आसान नहीं था, लेकिन साउथ अफ्रीका ने अपनी रणनीति, धैर्य और जुनून से यह कारनामा कर दिखाया। इस जीत ने न केवल टीम का आत्मविश्वास बढ़ाया, बल्कि दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों को यह भी दिखाया कि साउथ अफ्रीका अब टेस्ट क्रिकेट में भी बादशाहत की ओर बढ़ रहा है।

ऑस्ट्रेलिया को कैसे हराया ?

इस फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 320 रन बनाए थे। साउथ अफ्रीका की पहली पारी 280 रनों पर सिमटी, जिससे ऑस्ट्रेलिया को 40 रनों की बढ़त मिली। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 241 रन बनाए और साउथ अफ्रीका के सामने 282 रनों का लक्ष्य रखा। यह लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में चौथी पारी में हासिल करना आसान नहीं था, लेकिन साउथ अफ्रीका ने इसे खेल के चौथे दिन पहले सेशन में ही हासिल कर लिया। इस जीत में बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों का शानदार प्रदर्शन रहा। आइए अब उन पांच खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने इस जीत में सबसे बड़ा योगदान दिया।
1. एडन मार्करम (Aiden Markram)
एडन मार्करम साउथ अफ्रीका के सबसे अनुभवी और भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक हैं। इस फाइनल में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया। दूसरी पारी में जब साउथ अफ्रीका 282 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी, तब मार्करम ने शानदार सेंचुरी (Century) ठोकी। उन्होंने 136 रन बनाए, जिसमें 14 चौके शामिल थे। उनकी इस पारी ने साउथ अफ्रीका को जीत की राह पर मजबूती से ले जाने का काम किया। मार्करम ने न केवल बल्ले से कमाल दिखाया, बल्कि गेंदबाजी में भी योगदान दिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ (Steve Smith) को आउट करके एक महत्वपूर्ण विकेट लिया। मार्करम की यह ऑलराउंड परफॉर्मेंस (All-round Performance) उन्हें इस मैच का हीरो बनाती है।
मार्करम का जन्म 4 अक्टूबर 1994 को सेंचुरियन (Centurion) में हुआ था। उन्होंने 2014 में साउथ अफ्रीका की अंडर-19 टीम (Under-19 Team) को विश्व कप जिताने में भी अहम भूमिका निभाई थी। उनकी तकनीक, धैर्य और आक्रामकता का मिश्रण उन्हें एक खास बल्लेबाज बनाता है। इस मैच में उनकी सेंचुरी ने साउथ अफ्रीका को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला और जीत की नींव रखी।
2. टेम्बा बावुमा (Temba Bavuma)
टेम्बा बावुमा साउथ अफ्रीका के कप्तान हैं और इस फाइनल में उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों ने टीम को मजबूती दी। पहली पारी में बावुमा ने 36 रन बनाए, जो उस समय टीम के लिए बहुत जरूरी थे। लेकिन दूसरी पारी में उनका असली जौहर दिखा। रन चेज के दौरान उन्होंने 66 रनों की शानदार फिफ्टी (Fifty) बनाई, जिसमें 5 चौके शामिल थे। उनकी यह पारी न केवल रनों के लिहाज से महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने टीम को आत्मविश्वास भी दिया। बावुमा ने अपनी कप्तानी में गेंदबाजों का सही इस्तेमाल किया और सही समय पर सही फैसले लिए।
बावुमा अक्सर सोशल मीडिया (Social Media) पर ट्रोलिंग का शिकार होते हैं, लेकिन इस मैच में उन्होंने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। उनकी शांत और समझदारी भरी कप्तानी ने साउथ अफ्रीका को एकजुट रखा। बावुमा का जन्म 17 मई 1990 को केप टाउन (Cape Town) में हुआ था। वह साउथ अफ्रीका के पहले अश्वेत टेस्ट कप्तान (First Black Test Captain) हैं, और उनकी इस जीत ने उनके नेतृत्व को और मजबूत किया है।
3. डेविड बेडिंघम (David Bedingham)
डेविड बेडिंघम साउथ अफ्रीका के मिडल ऑर्डर (Middle Order) के एक भरोसेमंद बल्लेबाज हैं। इस फाइनल में उन्होंने दोनों पारियों में समझदारी के साथ बल्लेबाजी की। पहली पारी में वह साउथ अफ्रीका के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने 45 रन बनाए, जिसमें 6 चौके शामिल थे। यह पारी उस समय बहुत जरूरी थी, जब साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी लड़खड़ा रही थी। दूसरी पारी में भी बेडिंघम ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। जब वह क्रीज पर आए, तब टीम को स्थिरता की जरूरत थी। उन्होंने एडन मार्करम का साथ दिया और 21 रन बनाकर नॉट आउट (Not Out) रहे। उनकी इस छोटी लेकिन महत्वपूर्ण पारी ने साउथ अफ्रीका की पारी को बिखरने से बचाया।
बेडिंघम का जन्म 22 अप्रैल 1994 को जॉर्ज (George) में हुआ था। वह अपनी तकनीकी बल्लेबाजी और दबाव में शांत रहने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। इस फाइनल में उनकी परिपक्वता और धैर्य ने साउथ अफ्रीका को जीत की ओर ले जाने में मदद की।
4. मार्को यानसन (Marco Jansen)
मार्को यानसन साउथ अफ्रीका के उभरते हुए ऑलराउंडर (All-rounder) हैं। उनकी लंबी कद-काठी और तेज गेंदबाजी उन्हें एक खतरनाक गेंदबाज बनाती है। इस फाइनल में यानसन ने अपनी गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को परेशान किया। पहली पारी में उन्होंने 3 विकेट लिए, जबकि दूसरी पारी में 1 विकेट हासिल किया। कुल मिलाकर उनके 4 विकेट ने ऑस्ट्रेलिया को बड़े स्कोर तक पहुंचने से रोका। यानसन की गेंदबाजी में गति, उछाल और सटीकता का शानदार मिश्रण देखने को मिला।
यानसन का जन्म 1 मई 2000 को क्रे (Klerksdorp) में हुआ था। वह अपनी गेंदबाजी के साथ-साथ निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी के लिए भी जाने जाते हैं। इस फाइनल में उनकी गेंदबाजी ने साउथ अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाने में मदद की।
5. कागिसो रबाडा (Kagiso Rabada)
कागिसो रबाडा साउथ अफ्रीका के सबसे अनुभवी और खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक हैं। इस फाइनल में उनकी गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस कर दिया। पहली पारी में उन्होंने 5 विकेट (Five-wicket Haul) लिए, जिसे क्रिकेट की भाषा में ‘पंजा’ कहा जाता है। दूसरी पारी में भी उन्होंने 4 विकेट हासिल किए। कुल मिलाकर 9 विकेट लेकर रबाडा इस मैच के सबसे बड़े गेम-चेंजर (Game-changer) साबित हुए। उनकी तेज और सटीक गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया के बड़े बल्लेबाजों को पवेलियन लौटने पर मजबूर किया।
रबाडा का जन्म 25 मई 1995 को जोहान्सबर्ग (Johannesburg) में हुआ था। वह अपनी आक्रामक गेंदबाजी और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते हैं। इस फाइनल में उनकी गेंदबाजी ने साउथ अफ्रीका को जीत की राह पर ले जाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई।

खिताबी जीत के मायने

साउथ अफ्रीका की इस जीत ने कई मायनों में इतिहास रचा। सबसे पहले, यह उनकी 27 साल बाद आईसीसी की कोई बड़ी ट्रॉफी थी। दूसरा, यह जीत टेस्ट क्रिकेट में आई, जो क्रिकेट का सबसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित प्रारूप माना जाता है। तीसरा, ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराना साउथ अफ्रीका के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला था। इस जीत ने साउथ अफ्रीका के युवा खिलाड़ियों को दुनिया के सामने एक नई पहचान दी और यह दिखाया कि वे किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

साउथ अफ्रीका की रणनीति

साउथ अफ्रीका की जीत के पीछे उनकी शानदार रणनीति थी। कप्तान टेम्बा बावुमा ने गेंदबाजों का सही समय पर इस्तेमाल किया। कागिसो रबाडा और मार्को यानसन जैसे तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को दबाव में रखा। वहीं, बल्लेबाजी में एडन मार्करम और डेविड बेडिंघम जैसे खिलाड़ियों ने धैर्य और आक्रामकता का सही मिश्रण दिखाया। टीम ने एकजुट होकर खेला और हर खिलाड़ी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई।

लॉर्ड्स में रचा इतिहास

लॉर्ड्स स्टेडियम (Lord’s Stadium) को क्रिकेट का मक्का कहा जाता है। यह स्टेडियम लंदन (London) में स्थित है और क्रिकेट की दुनिया में इसे सबसे प्रतिष्ठित मैदानों में से एक माना जाता है। इस स्टेडियम में खेलना हर क्रिकेटर का सपना होता है। 1814 में स्थापित इस स्टेडियम ने कई ऐतिहासिक मैच देखे हैं। साउथ अफ्रीका की इस जीत ने लॉर्ड्स की इस विरासत को और समृद्ध किया है। इस स्टेडियम की खासियत इसकी शानदार पिच, ऐतिहासिक पवेलियन (Pavilion) और दर्शकों का उत्साह है। इस जीत ने साउथ अफ्रीका के लिए न केवल एक ट्रॉफी दी, बल्कि उनके क्रिकेट इतिहास में एक नया सुनहरा पन्ना भी जोड़ा।

प्रशंसकों में उत्साह

इस जीत के बाद साउथ अफ्रीका के प्रशंसकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सोशल मीडिया पर #ProteaFire और #WTCFinal जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। प्रशंसकों ने टेम्बा बावुमा की कप्तानी और एडन मार्करम की सेंचुरी की जमकर तारीफ की। कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी साउथ अफ्रीका की इस जीत को ऐतिहासिक बताया। ऑस्ट्रेलिया के प्रशंसक थोड़े निराश दिखे, लेकिन उन्होंने भी साउथ अफ्रीका की शानदार खेल भावना की सराहना की।
साउथ अफ्रीका की इस जीत ने क्रिकेट की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया। लॉर्ड्स जैसे ऐतिहासिक मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतना साउथ अफ्रीका के लिए गर्व का पल था। एडन मार्करम, टेम्बा बावुमा, डेविड बेडिंघम, मार्को यानसन और कागिसो रबाडा जैसे खिलाड़ियों ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई। उनकी मेहनत, लगन और जुनून ने साउथ अफ्रीका को यह ट्रॉफी दिलाई। यह जीत न केवल साउथ अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।


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