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England Cricket Tour- इंग्लैण्ड क्रिकेट टीम की प्लेइंग-11 से टीम इंडिया को कितना ख़तरा ? दोनों टीमों की ताकत और कमजोरी जान लीजिए

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IND VS ENG TEST SERIES- जब बात क्रिकेट (Cricket) की हो और वो भी भारत (India) बनाम इंग्लैंड (England) टेस्ट सीरीज (Test Series) की, तो फैंस का जोश सातवें आसमान पर होता है। इंग्लैंड ने 20 जून 2025 से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए अपनी प्लेइंग इलेवन (Playing XI) का ऐलान कर दिया है, जिसमें ऑलराउंडर (All-rounder) क्रिस वोक्स (Chris Woakes) की धमाकेदार वापसी और ब्रायडन कार्स (Brydon Carse) का होम क्राउड के सामने पहला टेस्ट शामिल है। दूसरी तरफ, भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने अपनी प्लेइंग इलेवन का खुलासा अभी नहीं किया है, लेकिन हर्षित राणा (Harshit Rana) को स्क्वॉड में शामिल करने से साफ है कि भारत तेज गेंदबाजी (Fast Bowling) पर जोर दे रहा है। ये सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) 2025-27 का हिस्सा है, और इंग्लैंड की धरती पर भारत के लिए चुनौती आसान नहीं होगी, क्योंकि इंग्लैंड पिछले 18 सालों से अपने घर में भारत से अजेय (Unbeaten) है।

इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन: ताकत और रणनीति

ind vs eng

इंग्लैंड ने अपनी प्लेइंग इलेवन में अनुभव (Experience) और युवा जोश (Youthful Energy) का शानदार मिश्रण चुना है। कप्तान बेन स्टोक्स (Ben Stokes) की अगुआई में ये टीम अपने आक्रामक ‘बैजबॉल’ (Bazball) स्टाइल के लिए जानी जाती है। आइए, उनकी प्लेइंग इलेवन पर नजर डालें:
जैक क्रॉले (Zak Crawley): सलामी बल्लेबाज (Opening Batsman), जो तेजी से रन बनाने में माहिर है। इंग्लिश पिचों पर उनकी आक्रामक बल्लेबाजी (Aggressive Batting) भारत के लिए खतरा हो सकती है।
बेन डकेट (Ben Duckett): बाएं हाथ का सलामी बल्लेबाज, जो स्वीप और रिवर्स स्वीप (Reverse Sweep) खेलने में उस्ताद है। स्पिन के खिलाफ उनकी तकनीक (Technique) मजबूत है।
ओली पॉप (Ollie Pope): मिडिल ऑर्डर (Middle Order) में ठोस बल्लेबाज, जो हाल के सालों में इंग्लैंड के लिए रन मशीन बने हैं।
जो रूट (Joe Root): इंग्लैंड का सबसे अनुभवी बल्लेबाज, जिनके 12,000+ टेस्ट रन (Test Runs) और 50+ औसत (Average) भारत के लिए सिरदर्द हैं।
हैरी ब्रूक (Harry Brook): युवा सनसनी, जो तेजी से रन बनाते हैं और दबाव में कूल रहते हैं।
बेन स्टोक्स (Ben Stokes, कप्तान): दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक। उनकी कप्तानी, बल्लेबाजी, और गेंदबाजी (Bowling) टीम को बैलेंस देती है।
जैमी स्मिथ (Jamie Smith, विकेटकीपर): युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज, जो निचले क्रम में तेजी से रन जोड़ सकते हैं।
क्रिस वोक्स (Chris Woakes): अनुभवी ऑलराउंडर, जो इंग्लिश पिचों पर स्विंग (Swing) और सीम (Seam) से कमाल करते हैं। दिसंबर 2024 के बाद उनकी टेस्ट वापसी भारत के लिए चुनौती है।
ब्रायडन कार्स (Brydon Carse): तेज गेंदबाज, जो पहली बार होम क्राउड के सामने टेस्ट खेलेंगे। उनकी रफ्तार और उछाल (Bounce) खतरनाक हो सकते हैं।
जोश टंग (Josh Tongue): युवा पेसर, जिनकी गति और सटीकता (Accuracy) इंग्लिश कंडीशंस में फायदेमंद होगी।
शोएब बशीर (Shoaib Bashir): ऑफ-स्पिनर (Off-Spinner), जो भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं, खासकर अगर पिच टर्न (Turn) करने लगे।

इंग्लैंड का 18 साल का अजेय रिकॉर्ड

इंग्लैंड ने 2007 के बाद अपने घर में भारत से कोई टेस्ट सीरीज नहीं हारी। 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने 1-0 से सीरीज जीती थी। इसके बाद 2011, 2014, 2018, और 2021 में भारत को हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की होम कंडीशंस और उनके गेंदबाजों का प्रदर्शन भारत के लिए हमेशा चुनौती रहा है। लेकिन इस बार भारत की युवा टीम और बुमराह की अगुआई इस रिकॉर्ड को तोड़ने की कोशिश करेगी।
इंग्लैंड की ताकत:
होम एडवांटेज (Home Advantage):
इंग्लैंड की पिचें सीम और स्विंग के लिए मशहूर हैं, जहां वोक्स और कार्स जैसे गेंदबाज खतरनाक हो सकते हैं। इंग्लैंड 2007 के बाद अपने घर में भारत से नहीं हारा है, जो उनकी मजबूती दिखाता है।
बैजबॉल अप्रोच: स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकुलम (Brendon McCullum) की आक्रामक रणनीति ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड को नया रंग दिया है। क्रॉले, डकेट, और ब्रूक जैसे बल्लेबाज तेजी से रन बनाकर भारत पर दबाव डाल सकते हैं।
ऑलराउंडर बैलेंस: स्टोक्स और वोक्स की मौजूदगी से इंग्लैंड की बल्लेबाजी और गेंदबाजी में गहराई (Depth) है। वोक्स ने घरेलू पिचों पर 100+ टेस्ट विकेट (Wickets) लिए हैं, जो उनकी उपयोगिता दिखाता है।
जो रूट का अनुभव: रूट का टेस्ट रिकॉर्ड (140 टेस्ट, 12,000+ रन, 50+ औसत) भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है। वे स्पिन और पेस दोनों को बखूबी खेलते हैं।
कमजोरियां:
स्पिन में कमी:
शोएब बशीर युवा हैं और अभी अनुभवी नहीं हैं। अगर पिच टर्न करती है, तो भारत के स्पिनर उन पर भारी पड़ सकते हैं।
नए चेहरों का दबाव: कार्स और टंग जैसे खिलाड़ी होम टेस्ट में पहली बार खेल रहे हैं। भारत के अनुभवी गेंदबाज इनका फायदा उठा सकते हैं।
विकेटकीपिंग: जैमी स्मिथ युवा हैं और जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) की तरह अनुभव की कमी हो सकती है।

भारत की संभावित प्लेइंग इलेवन

england vs india

हालांकि भारतीय टीम ने अभी अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान नहीं किया है, लेकिन बीसीसीआई (BCCI) द्वारा घोषित 18 सदस्यीय स्क्वॉड और हाल की खबरों के आधार पर संभावित इलेवन इस प्रकार हो सकती है:
यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal): युवा सलामी बल्लेबाज, जिन्होंने टेस्ट में 1000+ रन बनाए हैं। उनकी आक्रामक शैली इंग्लैंड को परेशान कर सकती है।
के.एल. राहुल (KL Rahul): अनुभवी ओपनर, जो इंग्लिश पिचों पर रन बना चुके हैं। उनकी तकनीक तेज गेंदबाजों के खिलाफ मजबूत है।
शुभमन गिल (Shubman Gill, कप्तान): युवा कप्तान, जिनका हालिया टेस्ट फॉर्म शानदार है। मिडिल ऑर्डर में उनकी स्थिरता (Stability) अहम होगी।
साई सुदर्शन (Sai Sudharsan): युवा बल्लेबाज, जो डेब्यू कर सकते हैं। उनकी तकनीक टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त है।
रुण नायर (Karun Nair): अनुभवी मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज, जिन्होंने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक (Triple Century) लगाया था।
ऋषभ पंत (Rishabh Pant, उप-कप्तान, विकेटकीपर): आक्रामक बल्लेबाज और शानदार विकेटकीपर, जिनका इंग्लैंड में रिकॉर्ड (374 रन, 2021 सीरीज) शानदार है।
रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja): दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिन ऑलराउंडर, जिनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों इंग्लिश पिचों पर कारगर हो सकती हैं।
वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar): स्पिन ऑलराउंडर, जो निचले क्रम में रन और विकेट दोनों जोड़ सकते हैं।
जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah): भारत का तुरुप का इक्का। उनकी यॉर्कर और सटीकता इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए खतरा हैं।
मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj): तेज गेंदबाज, जिन्होंने 2021 में इंग्लैंड में 18 विकेट लिए थे।
हर्षित राणा (Harshit Rana): युवा पेसर, जिनकी गति और उछाल इंग्लिश पिचों पर फायदेमंद हो सकती है।

भारत की ताकत:

तेज गेंदबाजी का दम: बुमराह, सिराज, और राणा की तिकड़ी इंग्लिश पिचों पर स्विंग और सीम का फायदा उठा सकती है। बुमराह का टेस्ट रिकॉर्ड (44 टेस्ट, 164 विकेट, 25.41 औसत) उनकी ताकत दिखाता है।

स्पिन का जादू: जडेजा और सुंदर की स्पिन जोड़ी, खासकर अगर पिच टर्न करती है, तो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है। जडेजा के 300+ टेस्ट विकेट और 2500+ रन उनकी ऑलराउंड क्षमता दिखाते हैं।

ऋषभ पंत का X-फैक्टर: पंत की आक्रामक बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग इंग्लैंड में भारत का ट्रंप कार्ड है। उनकी 2021 सीरीज में गेम-चेंजिंग पारी यादगार थी।

युवा-अनुभव का मिश्रण: गिल, जायसवाल, और सुदर्शन जैसे युवा चेहरों के साथ नायर, राहुल, और जडेजा का अनुभव भारत को बैलेंस देता है।

कमजोरियां:

रोहित और कोहली की कमी: रोहित शर्मा और विराट कोहली के रिटायरमेंट से भारत का मिडिल ऑर्डर कमजोर हो सकता है। नायर और सुदर्शन को अनुभव की कमी खल सकती है।

इंग्लिश पिचों पर चुनौती: भारत ने 2007 के बाद इंग्लैंड में सीरीज नहीं जीती। स्विंग और सीम की परिस्थितियों में भारतीय बल्लेबाजों को संघर्ष करना पड़ सकता है।

नई कप्तानी: गिल की कप्तानी अनुभवहीन है, और स्टोक्स जैसे अनुभवी कप्तान के सामने उनकी रणनीति की परीक्षा होगी।

 

दोनों टीमों की तुलना: इंग्लिश परिस्थितियों में कौन भारी?

बल्लेबाजी
इंग्लैंड:
इंग्लैंड की बल्लेबाजी जो रूट और बेन स्टोक्स के इर्द-गिर्द घूमती है। रूट का अनुभव और तकनीक उन्हें भारत के गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनाती है। क्रॉले और डकेट की सलामी जोड़ी तेज शुरुआत दे सकती है, जबकि ब्रूक और पॉप मिडिल ऑर्डर को मजबूती देते हैं। हालांकि, अगर भारत शुरुआती विकेट जल्दी ले ले, तो निचला क्रम दबाव में आ सकता है।
भारत: भारत की बल्लेबाजी में जायसवाल और राहुल की सलामी जोड़ी मजबूत है, लेकिन मिडिल ऑर्डर में कोहली की कमी खलेगी। गिल और पंत की आक्रामकता भारत को बराबरी पर ला सकती है, लेकिन नायर और सुदर्शन को इंग्लिश पेसर्स के खिलाफ अपनी तकनीक साबित करनी होगी। पंत और जडेजा का निचला क्रम भारत को गहराई देता है।
कौन भारी?: इंग्लैंड की बल्लेबाजी अनुभव के मामले में थोड़ी आगे है, खासकर रूट और स्टोक्स की वजह से। लेकिन पंत की फॉर्म और जायसवाल की आक्रामकता भारत को बराबरी पर ला सकती है।
गेंदबाजी
इंग्लैंड: इंग्लैंड की गेंदबाजी में वोक्स और कार्स की स्विंग और सीम की क्षमता खतरनाक है। टंग की गति और बशीर की स्पिन विविधता (Variety) देती है। लेकिन बशीर का अनुभवहीन होना और जेम्स एंडरसन की गैरमौजूदगी उनकी गेंदबाजी को कमजोर कर सकती है।
भारत: बुमराह की अगुआई में भारत की तेज गेंदबाजी इंग्लैंड से बेहतर नजर आती है। बुमराह की सटीकता, सिराज की आक्रामकता, और राणा की उछाल इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है। जडेजा और सुंदर की स्पिन जोड़ी पिच के टर्न करने पर गेम-चेंजर हो सकती है।
कौन भारी?: गेंदबाजी में भारत का पलड़ा भारी है, खासकर बुमराह और जडेजा की वजह से। इंग्लैंड की गेंदबाजी अनुभवी है, लेकिन भारत की विविधता और फॉर्म उन्हें आगे रखती है।
ऑलराउंडर
इंग्लैंड: स्टोक्स और वोक्स की ऑलराउंड क्षमता इंग्लैंड को बैलेंस देती है। स्टोक्स की कप्तानी और गेम-चेंजिंग परफॉर्मेंस उन्हें खास बनाती है।
भारत: जडेजा और सुंदर की जोड़ी भारत को ऑलराउंडर डिपार्टमेंट में बढ़त देती है। जडेजा की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विश्वस्तरीय हैं, जबकि सुंदर निचले क्रम में रन जोड़ सकते हैं।
कौन भारी?: भारत के पास दो स्पिन ऑलराउंडर होने से हल्की बढ़त है, लेकिन स्टोक्स का X-फैक्टर इसे बराबरी पर लाता है।
कप्तानी और रणनीति
इंग्लैंड:
बेन स्टोक्स की आक्रामक कप्तानी और बैजबॉल रणनीति ने इंग्लैंड को टेस्ट क्रिकेट में नया जोश दिया है। उनकी रणनीति हमेशा दबाव बनाने की होती है।
भारत: शुभमन गिल की कप्तानी नई है, और उनकी रणनीति अभी परखी जानी बाकी है। लेकिन बुमराह, जडेजा, और पंत जैसे सीनियर खिलाड़ियों का साथ उन्हें मदद देगा।
कौन भारी?: स्टोक्स का अनुभव उन्हें कप्तानी में आगे रखता है, लेकिन गिल की युवा सोच और बुमराह का सपोर्ट भारत को कमजोर नहीं होने देगा।
इंग्लिश परिस्थितियां
इंग्लैंड की पिचें स्विंग और सीम के लिए मशहूर हैं, खासकर लीड्स (Leeds) और लॉर्ड्स (Lord’s) जैसे मैदानों पर। बादल छाए रहने पर गेंद ज्यादा हिलती है, जो वोक्स और कार्स के लिए फायदेमंद है। लेकिन बुमराह और सिराज भी इन परिस्थितियों में कमाल कर चुके हैं। अगर सीरीज के बाद के टेस्ट में पिच टर्न करती है, तो जडेजा और सुंदर भारत को बढ़त दे सकते हैं। मौसम (Weather) भी अहम होगा, क्योंकि बारिश से मैच ड्रॉ की ओर जा सकते हैं।

कौन सी टीम है भारी?

इंग्लिश परिस्थितियों में इंग्लैंड का पलड़ा थोड़ा भारी नजर आता है, क्योंकि:
उनके पास होम एडवांटेज, अनुभवी बल्लेबाज (रूट, स्टोक्स), और स्विंग गेंदबाज (वोक्स, कार्स) हैं।
स्टोक्स की आक्रामक कप्तानी और बैजबॉल रणनीति भारत पर दबाव डाल सकती है।
18 साल का अजेय रिकॉर्ड उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
हालांकि, भारत भी कमजोर नहीं है। बुमराह की गेंदबाजी, जडेजा की ऑलराउंड क्षमता, और पंत की आक्रामकता भारत को बराबरी पर लाती है। अगर गिल की कप्तानी और युवा बल्लेबाज फॉर्म में रहे, तो भारत इस बार इतिहास रच सकता है। सीरीज का परिणाम मौसम, पिच, और खिलाड़ियों की फॉर्म पर निर्भर करेगा, लेकिन रोमांच की कोई कमी नहीं होगी।


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