IND vs ENG Test Series – जून में इंग्लैण्ड केखिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए ये 5 क्रिकेटर हैं दावेदार, साईं सुदर्शन, श्रेयर अय्यर का क्या होगा ?
Ind vs eng – भारत और इंग्लैंड (England) के बीच जून 2025 में होने वाली पांच टेस्ट मैचों (Test Matches) की सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) की घोषणा मई के दूसरे सप्ताह में करेगी।भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और राष्ट्रीय चयन समिति (National Selection Committee) इस दौरे के लिए 15 या 16 खिलाड़ियों की मुख्य टीम और साथ में भारत ए (India A) टीम का चयन करेगी। इस सीरीज में मध्यक्रम (Middle Order) के दो स्थानों के लिए कम से कम छह खिलाड़ियों के नामों पर गहन चर्चा होगी। इनमें करुण नायर (Karun Nair), साई सुदर्शन (Sai Sudharsan), श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer), रजत पाटीदार (Rajat Patidar), देवदत्त पडिक्कल (Devdutt Padikkal), और सरफराज खान (Sarfaraz Khan) जैसे नाम शामिल हैं। यह दौरा विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) 2025-27 के हिस्से के रूप में बेहद महत्वपूर्ण होगा, और भारतीय टीम कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के नेतृत्व में इंग्लैंड की धरती पर 2007 के बाद पहली टेस्ट सीरीज जीतने का लक्ष्य लेकर उतरेगी।
सीरीज का महत्व और शेड्यूल

भारत और इंग्लैंड के बीच यह टेस्ट सीरीज 20 जून 2025 से शुरू होगी और अगस्त के पहले सप्ताह तक चलेगी। यह सीरीज विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र की शुरुआत होगी। बीसीसीआई ने पहले ही शेड्यूल जारी कर दिया है, जिसमें पांच टेस्ट मैच निम्नलिखित मैदानों पर खेले जाएंगे:
पहला टेस्ट: 20-24 जून, हेडिंग्ले, लीड्स
दूसरा टेस्ट: 2-6 जुलाई, एजबेस्टन, बर्मिंघम
तीसरा टेस्ट: 10-14 जुलाई, लॉर्ड्स, लंदन
चौथा टेस्ट: 23-27 जुलाई, ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर
पांचवां टेस्ट: 31 जुलाई-4 अगस्त, द ओवल, लंदन
यह दौरा करीब डेढ़ महीने तक चलेगा, जिसमें 46 दिनों में 30 दिन खिलाड़ी मैदान पर होंगे। भारतीय टीम के लिए यह दौरा आसान नहीं होगा, क्योंकि इंग्लैंड की परिस्थितियां (Conditions) और उनकी आक्रामक ‘बैजबॉल’ (Bazball) रणनीति भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए बड़ी चुनौती पेश करेगी। भारत ने आखिरी बार इंग्लैंड में 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट सीरीज जीती थी, और तब से इंग्लैंड में जीत का सूखा रहा है। 2021 में भारत 2-1 से आगे था, लेकिन कोविड-19 के कारण सीरीज अधूरी रह गई थी।
टीम चयन की प्रक्रिया और रणनीति
राष्ट्रीय चयन समिति, जिसका नेतृत्व अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) कर रहे हैं, के सामने कई चुनौतियां हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 17 खिलाड़ियों की टीम भेजी गई थी, लेकिन इस बार 15 या 16 खिलाड़ियों की कॉम्पैक्ट (Compact) टीम चुनी जा सकती है। भारत ए टीम भी इस दौरान इंग्लैंड लायंस (England Lions) के खिलाफ खेलेगी, जिससे जरूरत पड़ने पर मुख्य टीम में खिलाड़ियों को शामिल किया जा सके।
चयन समिति को मुख्य रूप से मध्यक्रम के लिए रिजर्व बल्लेबाजों (Reserve Batsmen) का चयन करना होगा। कुछ खिलाड़ियों का स्थान लगभग तय है। अगर सभी फिट रहे, तो कप्तान रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal), लोकेश राहुल (KL Rahul), शुभमन गिल (Shubman Gill), और विराट कोहली (Virat Kohli) शुरुआती प्लेइंग इलेवन (Playing XI) में होंगे। ऑलराउंडर (All-Rounder) के तौर पर नीतीश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) का नाम भी पक्का माना जा रहा है। विकेटकीपर (Wicketkeeper) के लिए ऋषभ पंत (Rishabh Pant) पहली पसंद होंगे, और ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) बैकअप के रूप में शामिल हो सकते हैं।
गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah), मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) (अगर फिट हुए), और मयंक यादव (Mayank Yadav) जैसे तेज गेंदबाजों (Fast Bowlers) के साथ-साथ स्पिनरों (Spinners) में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin), रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja), और कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) का चयन तय है। लेकिन मध्यक्रम में एक या दो अतिरिक्त बल्लेबाजों के लिए चयन समिति को गहन मंथन करना होगा।
मध्यक्रम के लिए दावेदार

मध्यक्रम के लिए छह खिलाड़ियों के नाम चर्चा में हैं। इनमें से कुछ को सीनियर टीम में जगह मिल सकती है, जबकि बाकी भारत ए टीम का हिस्सा होंगे। आइए, इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन और संभावनाओं पर विस्तार से नजर डालें।
1. बी साई सुदर्शन: उभरता सितारा
साई सुदर्शन 23 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट में एक उभरता नाम हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट (First-Class Cricket) में उनके आंकड़े शानदार हैं। उन्होंने 29 मैचों में 49 पारियों में 1957 रन बनाए हैं, जिसमें सात शतक (Centuries) और पांच अर्धशतक (Fifties) शामिल हैं। उनका औसत (Average) 39.93 है, जो उनकी निरंतरता (Consistency) को दर्शाता है। साई की सबसे बड़ी ताकत उनकी तकनीक (Technique) और लंबी पारी खेलने की क्षमता है।
वे न सिर्फ पारी की शुरुआत (Opening) कर सकते हैं, बल्कि मध्यक्रम में भी बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं। आईपीएल (IPL) में गुजरात टाइटन्स (Gujarat Titans) के लिए उनका प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है। ऑस्ट्रेलिया में भारत ए के लिए भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था, हालांकि चोट के कारण उनका दौरा बीच में खत्म हुआ। इंग्लैंड की तेज और उछाल भरी पिचों (Pitches) पर उनकी तकनीक काम आ सकती है। चयनकर्ता उनके युवा जोश और लंबे प्रारूप में अनुशासित बल्लेबाजी (Disciplined Batting) को देखते हुए उन्हें मौका दे सकते हैं।
2. श्रेयस अय्यर: अनुभव का दम
श्रेयस अय्यर का नाम भारतीय क्रिकेट में अनुभव (Experience) का पर्याय है। उन्होंने 14 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें 2022 में इंग्लैंड में एक टेस्ट शामिल है। पिछले साल रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) को नजरअंदाज करने के कारण बीसीसीआई ने उन्हें केंद्रीय अनुबंध (Central Contract) से बाहर कर दिया था। लेकिन इसके बाद श्रेयस ने घरेलू क्रिकेट में वापसी की और शानदार प्रदर्शन किया।
उनकी तकनीक में सुधार हुआ है, खासकर शॉर्ट पिच गेंदों (Short-Pitched Deliveries) के खिलाफ। इंग्लैंड की परिस्थितियों में अनुभवी बल्लेबाजों की जरूरत होगी, और श्रेयस इस मामले में फिट बैठते हैं। हालांकि, उनकी निरंतरता और बड़े स्कोर (Big Scores) बनाने की क्षमता पर सवाल उठते रहे हैं। अगर वे आईपीएल 2025 में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो चयनकर्ता उन पर फिर से भरोसा जता सकते हैं।
3. रजत पाटीदार: खोया हुआ मौका
रजत पाटीदार की तकनीक और मैदान के चारों ओर शॉट्स खेलने की क्षमता उन्हें खास बनाती है। लेकिन 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उन्होंने एक भी अर्धशतक नहीं बनाया, जिसके कारण उनकी जगह खतरे में पड़ गई। रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन में भी उन्होंने 450 से कम रन बनाए, जो उनकी फॉर्म (Form) पर सवाल उठाता है।
हालांकि, पाटीदार की प्रतिभा से कोई इनकार नहीं कर सकता। अगर वे घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और आईपीएल में रन बनाते हैं, तो चयन समिति उन्हें एक और मौका दे सकती है। लेकिन उनके लिए यह आखिरी मौका हो सकता है, क्योंकि चयनकर्ता अब नए चेहरों पर भी ध्यान दे रहे हैं।
4. करुण नायर: तिहरे शतक की वापसी?
करुण नायर का नाम भारतीय क्रिकेट में एक अनोखी कहानी है। 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में तिहरा शतक (Triple Century) जड़ने वाले नायर भारत के लिए ऐसा करने वाले केवल दूसरे बल्लेबाज हैं। लेकिन इसके बाद उनका करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। कर्नाटक क्रिकेट ने उन्हें नजरअंदाज किया, और 2018 में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) और विराट कोहली को नेट सत्रों में प्रभावित करने में वे नाकाम रहे।
हालांकि, विदर्भ के साथ जुड़ने के बाद नायर ने शानदार वापसी की। पिछले घरेलू सीजन में उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में 850 से अधिक रन बनाए। उनकी यह फॉर्म चयनकर्ताओं का ध्यान खींच सकती है। नायर ने एक ट्वीट में कहा था, “प्रिय क्रिकेट, मुझे एक और मौका दो,” और 2025 का इंग्लैंड दौरा उनके लिए वह मौका हो सकता है। उनकी अनुभवी बल्लेबाजी और धैर्य (Patience) इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में काम आ सकता है।
5. देवदत्त पडिक्कल: युवा प्रतिभा
देवदत्त पडिक्कल ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट डेब्यू (Test Debut) किया और दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल के साथ प्रभावशाली साझेदारी की। उनकी तकनीक और शांत स्वभाव (Calm Temperament) उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त बनाता है। आईपीएल में भी वे अच्छी फॉर्म में हैं।
हालांकि, सीनियर टीम में जगह पक्की करने के लिए उन्हें और निरंतरता दिखानी होगी। अगर वे सीनियर टीम में जगह नहीं बना पाते, तो भारत ए टीम में उनकी जगह पक्की है। पडिक्कल की बाएं हाथ की बल्लेबाजी (Left-Handed Batting) भारतीय मध्यक्रम को बैलेंस (Balance) दे सकती है।
6. सरफराज खान: निरंतरता की चुनौती
सरफराज खान ने न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में 150 रन की शानदार पारी खेलकर सबका ध्यान खींचा था। लेकिन अगले टेस्ट में खराब शॉट चयन (Poor Shot Selection) के कारण उनकी जगह खतरे में पड़ गई। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वे प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पाए।
सरफराज की प्रतिभा से कोई इनकार नहीं कर सकता, लेकिन उनकी निरंतरता चयनकर्ताओं के लिए चिंता का विषय है। अगर वे घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो चयनकर्ता उन्हें एक और मौका दे सकते हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी (Aggressive Batting) और स्पिन गेंदबाजी (Spin Bowling) के खिलाफ खेलने की क्षमता इंग्लैंड में काम आ सकती है।
चयन समिति के सामने चुनौतियां
चयन समिति के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे अनुभव और युवा जोश (Youthful Energy) के बीच संतुलन बनाएं। श्रेयस अय्यर और करुण नायर जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का चयन करना सुरक्षित विकल्प हो सकता है, लेकिन साई सुदर्शन और देवदत्त पडिक्कल जैसे युवा खिलाड़ी भविष्य की निवेश (Investment) हैं। रजत पाटीदार और सरफराज खान की प्रतिभा को नजरअंदाज करना भी मुश्किल है।
इसके अलावा, इंग्लैंड की परिस्थितियां भारतीय बल्लेबाजों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रही हैं। तेज और उछाल भरी पिचें, स्विंग गेंदबाजी (Swing Bowling), और अप्रत्याशित मौसम (Unpredictable Weather) बल्लेबाजों की तकनीक और मानसिक मजबूती (Mental Strength) की परीक्षा लेते हैं। चयनकर्ताओं को ऐसे खिलाड़ियों को चुनना होगा जो इन परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
भारत ए टीम का महत्व
भारत ए टीम का इंग्लैंड दौरा भी मुख्य टीम के लिए महत्वपूर्ण होगा। अभिमन्यु ईश्वरन (Abhimanyu Easwaran) जैसे खिलाड़ी, जो घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे हैं, भारत ए टीम की कप्तानी कर सकते हैं। साई सुदर्शन, सरफराज खान, और ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी, अगर सीनियर टीम में जगह नहीं बना पाते, तो भारत ए के लिए खेलेंगे। यह दौरा उन्हें अनुभव (Exposure) देगा और जरूरत पड़ने पर सीनियर टीम में शामिल होने का मौका देगा।
रोहित शर्मा की कप्तानी

बीसीसीआई ने शेड्यूल के साथ रोहित शर्मा की तस्वीर शेयर की है, जिससे साफ है कि वे इस दौरे पर भी कप्तान होंगे। रोहित ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को भारत में हराकर टेस्ट सीरीज जीती हैं, और अब उनकी नजर इंग्लैंड में इतिहास रचने पर होगी। उनकी आक्रामक कप्तानी (Aggressive Captaincy) और शांत स्वभाव इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति का जवाब देने में महत्वपूर्ण होगा।
भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज 2025 भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा अवसर है। मई के दूसरे सप्ताह में होने वाली टीम की घोषणा क्रिकेट प्रशंसकों के लिए उत्साह का विषय होगी। साई सुदर्शन, करुण नायर, श्रेयस अय्यर, रजत पाटीदार, देवदत्त पडिक्कल, और सरफराज खान जैसे खिलाड़ियों के बीच मध्यक्रम के लिए कड़ा मुकाबला है। चयन समिति को अनुभव और युवा प्रतिभा के बीच संतुलन बनाना होगा। रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम इंग्लैंड में 18 साल बाद टेस्ट सीरीज जीतने का सपना देख रही है। यह दौरा न सिर्फ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि कई खिलाड़ियों के करियर को नई दिशा भी दे सकता है।
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