IPL 2025 Rule Changes:- आईपीएल में 11 नहीं 12 खिलाड़ी मैदान पर उतरेंगे, DRS सिस्टम बदल गया, इस बार IPL में 5 बड़े बदलाव क्यों हुए ?
5 Rules changed- दुनिया की सबसे बड़ी T20 लीग इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 2025 सीजन शुरू हो चुका है और क्रिकेट फैंस का जोश सातवें आसमान पर है। इस बार का सीजन कुछ खास होने वाला है, क्योंकि बीसीसीआई (BCCI) ने कई बड़े बदलाव किए हैं। कुछ पुराने नियम वापस लाए गए हैं, तो कुछ नए नियमों ने सबको हैरान कर दिया है। ये बदलाव न सिर्फ खेल को और रोमांचक बनाएंगे, बल्कि कप्तानों और खिलाड़ियों के लिए भी नई रणनीति और चुनौतियाँ लेकर आएंगे। क्रिकेट ज़ोन में आज हम बात करेंगे आईपीएल 2025 (IPL 2025) के 5 बड़े नियमों के बारे में। इसमें आपको रोहित शर्मा (Rohit Sharma), विराट कोहली (Virat Kohli) जैसे बड़े खिलाड़ियों और ईडन गार्डन्स (Eden Gardens), वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) जैसे मशहूर मैदानों का जिक्र भी मिलेगा।
IPL 2025 का शानदार आगाज़ (The Grand Start of IPL 2025)

सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि आईपीएल 2025 (IPL 2025) में सिर्फ खिलाड़ियों की बल्लेबाजी या गेंदबाजी ही चर्चा में नहीं होगी, बल्कि नए नियम भी सबका ध्यान खींचेंगे। बीसीसीआई (BCCI) ने ये बदलाव इसलिए किए हैं ताकि खेल में नयापन आए, निष्पक्षता बनी रहे और फैंस को हर पल रोमांच मिले। तो चलिए, इन 5 बड़े बदलावों को एक-एक करके समझते हैं।
1. इम्पैक्ट प्लेयर रूल का बना रहना (Impact Player Rule Continues)

पहला बदलाव है इम्पैक्ट प्लेयर रूल (Impact Player Rule) का, ये नियम 2023 में शुरू हुआ था और अब 2025 में भी जारी रहेगा। आसान भाषा में कहें तो हर टीम अपने 11 खिलाड़ियों के अलावा एक एक्स्ट्रा खिलाड़ी को मैदान पर ला सकती है। ये खिलाड़ी मैच के दौरान किसी भी वक्त बदला जा सकता है – चाहे पारी शुरू होने से पहले, ओवर खत्म होने पर, या विकेट गिरने पर।
कैसे काम करता है ये नियम?
मान लीजिए मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) खेल रही है और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) कप्तान हैं। अगर उनकी टीम पहले बल्लेबाजी कर रही है और स्कोर तेजी से बढ़ाने की जरूरत है, तो वे सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) जैसे हिटर को इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर ला सकते हैं। वहीं अगर गेंदबाजी में दिक्कत हो रही हो, तो जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) जैसे गेंदबाज को बुलाया जा सकता है। लेकिन एक शर्त है – अगर टीम में पहले से 4 विदेशी खिलाड़ी खेल रहे हैं, तो इम्पैक्ट प्लेयर भारतीय ही होना चाहिए।
पुराने नियमों से तुलना (Comparison with Old Rules)
पहले आईपीएल (IPL) में ऐसा कोई नियम नहीं था। 11 खिलाड़ी जो टॉस से पहले चुने जाते थे, वही पूरे मैच में खेलते थे। अगर कोई चोटिल हो जाता था, तो सिर्फ फील्डिंग के लिए सब्स्टीट्यूट आ सकता था, लेकिन वो न बल्लेबाजी कर सकता था, न गेंदबाजी। अब ये नया नियम टीमों को लचीलापन देता है। पहले कप्तानों को टॉस से पहले ही सारी रणनीति बनानी पड़ती थी, लेकिन अब वे हालात के हिसाब से बदलाव कर सकते हैं।
क्या फायदा और कितना नुकसान –
फायदा ये है कि इससे युवा खिलाड़ियों को मौका मिलता है। जैसे लखनऊ सुपर जायंट्स (Lucknow Super Giants) के मयंक यादव (Mayank Yadav) ने पिछले सीजन में अपनी तेज गेंदबाजी से सबको चौंकाया था। लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि इससे ऑलराउंडर जैसे हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) की अहमियत कम हो रही है, क्योंकि टीम अब स्पेशलिस्ट बल्लेबाज या गेंदबाज को ला सकती है।
2. दूसरी गेंद का नियम (Second Ball Rule)

दूसरा बड़ा बदलाव है दूसरी गेंद का नियम (Second Ball Rule)- ये एकदम नया और क्रांतिकारी नियम है। अब रात के मैचों में दूसरी पारी के 11वें ओवर से नई गेंद ली जा सकती है, बशर्ते मैदान पर ओस (dew) बहुत ज्यादा हो। ये फैसला अंपायर करेंगे।
क्यों लाया गया ये नियम?
रात के मैचों में ओस की वजह से गेंद गीली हो जाती है, जिससे गेंदबाजों को ग्रिप बनाने में दिक्कत होती है। खासकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) या एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम (M. Chinnaswamy Stadium) जैसे मैदानों में ये समस्या ज्यादा देखी गई है। इससे बल्लेबाजों को फायदा होता है और खेल असंतुलित हो जाता है। नई गेंद लेने से गेंदबाजों को फिर से मौका मिलेगा।
पुराने नियमों से तुलना (Comparison with Old Rules)
पहले पूरे मैच में एक ही गेंद से खेल होता था, चाहे वो कितनी भी गीली हो जाए। गेंदबाज जैसे मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) या राशिद खान (Rashid Khan) को ओस में भी गेंद को चमकाने या स्पिन कराने के लिए जूझना पड़ता था। अब ये नियम गेंदबाजों के पक्ष में है। पुराने नियमों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को नुकसान होता था, लेकिन अब खेल बराबरी का होगा।
क्या होगा असर?
मान लीजिए चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) पहले बल्लेबाजी करती है और 180 रन बनाती है। दूसरी पारी में राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के खिलाफ ओस की वजह से उनके गेंदबाज जैसे दीपक चाहर (Deepak Chahar) मुश्किल में पड़ सकते थे। अब नई गेंद से वे वापसी कर सकते हैं। लेकिन ये नियम दिन के मैचों में लागू नहीं होगा, क्योंकि तब ओस का असर नहीं होता।
3. DRS में बड़ा बदलाव (Big Change in DRS)

तीसरा बदलाव है डिसीजन रिव्यू सिस्टम (Decision Review System – DRS) में- अब टीमों को ऊंचाई वाले नो-बॉल (height no-balls) और ऑफ-साइड की वाइड गेंदों (off-side wides) को भी चैलेंज करने का मौका मिलेगा। इसके लिए हॉक-आई (Hawk-Eye) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा।
कैसे काम करेगा ये?
पहले डीआरएस (DRS) सिर्फ आउट होने के फैसलों (LBW, कैच आदि) के लिए था। लेकिन अब अगर विराट कोहली (Virat Kohli) को लगता है कि अंपायर ने गलत वाइड दी, तो वो रिव्यू ले सकते हैं। इसी तरह जोस बटलर (Jos Buttler) ऊंची नो-बॉल के लिए भी चैलेंज कर सकते हैं। इससे फैसले सटीक होंगे।
पुराने नियमों से तुलना (Comparison with Old Rules)
पहले वाइड और नो-बॉल का फैसला सिर्फ अंपायर के हाथ में था। कई बार वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) जैसे छोटे मैदानों में गलत फैसले हो जाते थे, जिससे कप्तान जैसे श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) नाराज़ हो जाते थे। अब तकनीक की मदद से ये गलतियाँ कम होंगी। पहले आईपीएल (IPL) में नो-बॉल और वाइड के लिए रिव्यू का ऑप्शन सिर्फ विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) में था, लेकिन अब ये पुरुषों के आईपीएल (IPL) में भी आ गया है।
फायदा क्या है?
इससे खेल में निष्पक्षता बढ़ेगी। जैसे अगर सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) के खिलाफ पंजाब किंग्स (Punjab Kings) खेल रही हो और अंपायर ने गलत वाइड दी, तो कगिसो रबाडा (Kagiso Rabada) की मेहनत बेकार नहीं जाएगी। लेकिन लेग-साइड वाइड अभी भी अंपायर के फैसले पर ही रहेंगी।
4. लार पर बैन हटना (Saliva Ban Lifted)

चौथा बदलाव है कि गेंद को चमकाने के लिए लार (Saliva) के इस्तेमाल पर लगा बैन हट गया है। ये नियम कोविड-19 (COVID-19) के दौरान शुरू हुआ था, लेकिन अब इसे हटा लिया गया है।
क्यों बदला ये नियम?
बीसीसीआई (BCCI) ने कप्तानों की बैठक में ये फैसला लिया। मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) जैसे तेज गेंदबाजों ने कहा था कि लार के बिना गेंद को स्विंग कराना मुश्किल हो रहा है। अब गेंदबाज फिर से लार का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे रिवर्स स्विंग भी देखने को मिलेगी।
पुराने नियमों से तुलना (Comparison with Old Rules)
पहले आईपीएल (IPL) में लार का इस्तेमाल आम था। जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) जैसे गेंदबाज गेंद को चमकाकर बल्लेबाजों को परेशान करते थे। लेकिन कोविड के बाद ये बैन हो गया और गेंदबाज सिर्फ पसीने का इस्तेमाल कर सकते थे। अब पुरानी बात वापस आई है, जो गेंदबाजों के लिए खुशखबरी है। पहले बल्लेबाजों का दबदबा बढ़ गया था, लेकिन अब संतुलन आएगा।
क्या होगा असर?
मान लीजिए दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के खिलाफ गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) खेल रही है। अगर एनरिक नॉर्खिया (Anrich Nortje) लार का इस्तेमाल करके स्विंग कराते हैं, तो शुभमन गिल (Shubman Gill) जैसे बल्लेबाजों को मुश्किल हो सकती है। इससे बड़े स्कोर वाले मैचों में भी गेंदबाजों की वापसी होगी।
5. स्लो ओवर रेट पर नरमी (Leniency on Slow Over Rate)

पांचवां बदलाव है स्लो ओवर रेट (Slow Over Rate) को लेकर। पहले अगर कोई टीम समय पर ओवर खत्म नहीं करती थी, तो कप्तान पर बैन लग जाता था। अब ऐसा नहीं होगा। इसके बजाय डिमेरिट पॉइंट्स दिए जाएंगे।
कैसे काम करेगा ये?
अगर लखनऊ सुपर जायंट्स (Lucknow Super Giants) की टीम के. एल. राहुल (KL Rahul) की कप्तानी में धीमी गेंदबाजी करती है, तो पहले राहुल को अगले मैच से बैन कर दिया जाता था। अब सिर्फ पॉइंट्स काटे जाएंगे। इससे कप्तानों पर दबाव कम होगा।
पुराने नियमों से तुलना (Comparison with Old Rules)
पहले सख्त नियम था। चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के एम.एस. धोनी (MS Dhoni) जैसे अनुभवी कप्तान को भी कई बार सजा मिली थी। पुराने नियमों में आखिरी ओवरों में सिर्फ 4 फील्डर 30-यार्ड सर्कल से बाहर रखने की सजा भी थी। अब ये नियम ढीला कर दिया गया है, जिससे टीमें रणनीति पर ज्यादा फोकस कर सकेंगी।
फायदा क्या है?
इससे कप्तानों को राहत मिलेगी और खेल का प्रवाह बना रहेगा। लेकिन कुछ फैंस कहते हैं कि इससे टीमें जानबूझकर टाइम वेस्ट कर सकती हैं।
पुराने और नए नियमों का विश्लेषण (Analysis of Old vs New Rules)

अब इन बदलावों को देखकर एक बात साफ है – बीसीसीआई (BCCI) खेल को बैलेंस करने की कोशिश कर रही है। पहले आईपीएल (IPL) में बल्लेबाजों का बोलबाला था। क्रिस गेल (Chris Gayle), एबी डिविलियर्स (AB de Villiers) जैसे खिलाड़ी बड़े-बड़े स्कोर बनाते थे, और गेंदबाजों को सिर्फ हार माननी पड़ती थी। पुराने नियमों में टॉस का भी बहुत असर होता था, क्योंकि ओस की वजह से दूसरी पारी में चेज करना आसान हो जाता था।
नए नियमों में गेंदबाजों को ताकत दी गई है। दूसरी गेंद (Second Ball) और लार का इस्तेमाल (Saliva Use) गेंदबाजों को वापसी का मौका देगा। डीआरएस (DRS) से फैसले सही होंगे, जिससे विवाद कम होंगे। इम्पैक्ट प्लेयर (Impact Player) रणनीति को मजेदार बनाता है, लेकिन ऑलराउंडरों की कमी एक सवाल है। स्लो ओवर रेट (Slow Over Rate) पर नरमी से खेल तेज होगा, लेकिन क्या ये सही है? ये सीजन बताएगा।
क्या होगा असर? (What Will Be the Impact?)

खिलाड़ियों पर: आंद्रे रसेल (Andre Russell) जैसे ऑलराउंडर कम इस्तेमाल हो सकते हैं, जबकि ट्रेंट बोल्ट (Trent Boult) जैसे स्पेशलिस्ट गेंदबाजों की डिमांड बढ़ेगी।
कप्तानों पर: पैट कमिंस (Pat Cummins) जैसे कप्तानों को नई रणनीति बनानी होगी। टॉस का असर कम होगा।
फैंस के लिए: हर मैच में ट्विस्ट आएगा। हैदराबाद (Hyderabad) से लेकर मुंबई (Mumbai) तक, हर स्टेडियम में रोमांच बढ़ेगा।
आईपीएल 2025 (IPL 2025) के ये 5 नए नियम खेल को नया रंग देने वाले हैं। इम्पैक्ट प्लेयर (Impact Player) से लेकर दूसरी गेंद (Second Ball) और डीआरएस (DRS) तक, हर बदलाव अपने आप में खास है। ये सीजन न सिर्फ ईडन गार्डन्स (Eden Gardens) या चिदंबरम स्टेडियम (Chepauk Stadium) में धमाल मचाएगा, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग को और मजेदार बनाएगा। आपका इन बदलावों के बारे में क्या कहना है, अपनी राय कॉमेन्ट ब़ॉक्स में रखिए।
Recent Posts

Post Comment