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Jasprit Bumrah- क्या लीड्स टेस्ट की हार ठीकरा बुमराह पर फूटा, इंग्लैण्ड दौरे में दो टेस्ट से बाहर किए जाएंगे बुमराह ?

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England Tour- शुभमन गिल (Shubman Gill) की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने इंग्लैंड दौरे (England Tour) की अपनी पहली परीक्षा में नाकामयाबी का सामना किया। लीड्स (Leeds) में खेले गए पहले टेस्ट मैच (First Test Match) में इंग्लैंड (England) ने भारत को पांच विकेट (Five Wickets) से हरा दिया। इस मैच में भारतीय गेंदबाजी (Indian Bowling) पूरी तरह से नाकाम रही, जिसके चलते टीम इंडिया (Team India) को करारी हार का सामना करना पड़ा। खासतौर पर, तेज गेंदबाज (Fast Bowler)  Jasprit Bumrah की दूसरी पारी में एक भी विकेट न ले पाने की नाकामी ने चर्चा को और तूल दिया। इस बीच, भारतीय हेड कोच (Head Coach) गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने बुमराह को लेकर एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि बुमराह को दो टेस्ट में बाहर रखा जाएगा। इसलिए 2 जुलाई बर्मिंघम में होने वाले अगले टेस्ट में बुमराह बेंच पर बैठे नजर आएं।

लीड्स टेस्ट में हार का दोषी कौन ?

jasprit bumrah

इंग्लैंड दौरे की शुरुआत भारत के लिए निराशाजनक रही। लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट (First Test) में भारतीय बल्लेबाजों (Indian Batsmen) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में 471 रन बनाए, जिसमें पांच शतक (Five Centuries) शामिल थे। इसके बावजूद, इंग्लैंड ने पांच विकेट से जीत हासिल कर भारत को स्तब्ध कर दिया। यह हार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship, WTC) 2025-27 की पहली हार थी, जो 17 जून 2025 से शुरू हुई थी। भारतीय गेंदबाजी इकाई (Bowling Unit) इस मैच में पूरी तरह से फ्लॉप रही, खासकर दूसरी पारी में, जहां इंग्लैंड ने 371 रनों के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। जसप्रीत बुमराह, जिन्होंने पहली पारी में पांच विकेट (Five-Wicket Haul) लिए थे, दूसरी पारी में कोई विकेट नहीं ले सके। इस प्रदर्शन ने कई सवाल खड़े किए कि क्या हार का ठीकरा बुमराह पर फूटा? साथ ही, गौतम गंभीर के बयान ने उनके दो टेस्ट न खेलने के फैसले को और चर्चा में ला दिया।

लीड्स टेस्ट में बुमराह का प्रदर्शन

लीड्स टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने 24.4 ओवर में 83 रन देकर 5 विकेट झटके, जिसमें इंग्लैंड के प्रमुख बल्लेबाजों जैसे जो रूट, बेन डकेट और हैरी ब्रूक शामिल थे। यह उनका 14वां टेस्ट पांच विकेट हॉल था, और उन्होंने SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में 10 पांच विकेट हॉल का रिकॉर्ड बनाया, जो किसी भारतीय गेंदबाज के लिए पहली बार है। हालांकि, उनकी गेंदबाजी के दौरान यशस्वी जायसवाल ने तीन कैच छोड़े, जिसके कारण इंग्लैंड के स्कोर को और कम किया जा सकता था। बुमराह ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “कैच छूटने पर एक पल के लिए निराशा होती है, लेकिन आप इसे लेकर बैठकर रो नहीं सकते। यह खेल का हिस्सा है।”
दूसरी पारी में, हालांकि, बुमराह पूरी तरह से निष्प्रभावी रहे। उन्होंने एक भी विकेट नहीं लिया, और इंग्लैंड ने 371 रनों का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया। सोशल मीडिया पर कुछ प्रशंसकों ने बुमराह की आलोचना की, यह कहते हुए कि वह बड़े मैचों में दबाव में फेल हो जाते हैं। एक एक्स पोस्ट में कहा गया, “बुमराह मौके पर धोखा दे जाता है, ऑस्ट्रेलिया के अंतिम टेस्ट में भी वह अंतिम दिन गेंदबाजी करने नहीं आए।” हालांकि, यह कहना उचित नहीं होगा कि हार का पूरा ठीकरा बुमराह पर फूटा। भारतीय गेंदबाजी इकाई में अन्य गेंदबाजों, जैसे मोहम्मद सिराज और अर्शदीप सिंह, ने भी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं किया। साथ ही, फील्डिंग में हुई गलतियों, जैसे 6-7 कैच छूटना, ने भी हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

दो टेस्ट क्यों नहीं खेलेंगे बुमराह

जसप्रीत बुमराह के दो टेस्ट मैचों से बाहर रहने का निर्णय उनकी शारीरिक स्थिति और वर्कलोड प्रबंधन (Workload Management) से जुड़ा है। जनवरी 2025 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान सिडनी टेस्ट में बुमराह को पीठ में तनाव (Stress Reaction) का सामना करना पड़ा था। इस चोट के कारण वह दूसरे दिन के बाद गेंदबाजी नहीं कर सके और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी से भी बाहर रहे। मेडिकल स्टाफ और फिजियोथेरेपिस्ट ने सलाह दी कि बुमराह को लगातार पांच टेस्ट खेलने से बचना चाहिए ताकि उनकी चोट दोबारा न उभरे। पूर्व न्यूजीलैंड तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड ने चेतावनी दी थी कि यदि बुमराह को बार-बार पीठ की चोट होती है, तो यह उनके करियर के लिए खतरा बन सकता है।
बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने इंग्लैंड दौरे के लिए टीम की घोषणा के दौरान कहा, “बुमराह के लिए सभी पांच टेस्ट खेलना जोखिम भरा हो सकता है। हम उनके शरीर पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालना चाहते।” बुमराह ने स्वयं भी कप्तानी से इंकार करते हुए कहा, “मैं अपने शरीर का ध्यान रखना चाहता हूं। कप्तानी से ज्यादा भारतीय क्रिकेट और जीत महत्वपूर्ण है।” गौतम गंभीर ने पुष्टि की कि यह फैसला सीरीज शुरू होने से पहले ही लिया गया था, और यह स्कोरलाइन से प्रभावित नहीं होगा।

बुमराह किन दो टेस्ट में नहीं खेलेंगे?

पहला टेस्ट: हेडिंग्ले, लीड्स (20 जून – समाप्त, भारत हारा)
दूसरा टेस्ट: एजबेस्टन (2 जुलाई)
तीसरा टेस्ट: लॉर्ड्स (10 जुलाई)
चौथा टेस्ट: ओल्ड ट्रैफर्ड (23 जुलाई)
पांचवां टेस्ट: द ओवल (31 जुलाई)
गौतम गंभीर और शुभमन गिल ने स्पष्ट किया कि बुमराह किन तीन टेस्ट में खेलेंगे, यह अभी तय नहीं हुआ है। यह निर्णय सीरीज की प्रगति, पिच की स्थिति, और बुमराह की शारीरिक स्थिति के आधार पर लिया जाएगा। गंभीर ने कहा, “हम बुमराह के साथ चर्चा करेंगे और सीरीज के परिणामों को देखते हुए निर्णय लेंगे।” संभावना है कि बुमराह पहले टेस्ट (जो वे खेल चुके हैं), तीसरे टेस्ट (लॉर्ड्स), और पांचवें टेस्ट (द ओवल) में खेल सकते हैं, क्योंकि ये मैदान तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल माने जाते हैं। दूसरा टेस्ट (एजबेस्टन) और चौथा टेस्ट (ओल्ड ट्रैफर्ड) में उनकी अनुपस्थिति की संभावना अधिक है, क्योंकि ये लगातार होने वाले मैच हैं, और मेडिकल सलाह के अनुसार बुमराह को लगातार दो टेस्ट खेलने से बचना चाहिए।

गेंदबाजी की कमजोरियां

लीड्स टेस्ट में भारतीय गेंदबाजी की कमजोरियां स्पष्ट हो गईं। बुमराह को छोड़कर अन्य तेज गेंदबाज, जैसे मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, और अर्शदीप सिंह, प्रभावी नहीं रहे। 2024 से बुमराह ने 78 विकेट 15.07 की औसत से लिए, जबकि अन्य भारतीय तेज गेंदबाजों ने 80 विकेट 33.48 की औसत से लिए। यह अंतर दर्शाता है कि बुमराह भारतीय गेंदबाजी के मुख्य आधार हैं। उनकी अनुपस्थिति में भारत के पास मोहम्मद सिराज, अकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा, नितीश कुमार रेड्डी, और शार्दूल ठाकुर जैसे गेंदबाज हैं, लेकिन इनमें से कोई भी बुमराह का स्तर नहीं छू सका।
शुभमन गिल ने कहा, “हमारे पास पर्याप्त गेंदबाजी गहराई है। बुमराह जब खेलेंगे, तो यह हमारे लिए शानदार होगा, लेकिन अन्य गेंदबाज भी हमें मैच जिता सकते हैं।” हालांकि, लीड्स टेस्ट में अन्य गेंदबाजों की नाकामी ने यह सवाल उठाया कि क्या भारत बुमराह के बिना इंग्लैंड को चुनौती दे सकता है।

बुमराह की रणनीति और भविष्य

बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट को क्रिकेट का शिखर (Pinnacle) बताया है और कहा कि वह अपने शरीर का ध्यान रखते हुए लंबे समय तक तीनों प्रारूपों में खेलना चाहते हैं। उनकी गेंदबाजी शैली, जिसमें अनोखा रन-अप, स्विंग, और यॉर्कर शामिल हैं, उन्हें विश्व का सर्वश्रेष्ठगेंदबाज बनाती है। 45 टेस्ट में 205 विकेट और 20 से कम की औसत उनके कौशल को दर्शाती है। हालांकि, लीड्स टेस्ट की हार ने कुछ प्रशंसकों में निराशा पैदा की। एक एक्स पोस्ट में कहा गया, “मुझे नहीं लगता कि बुमराह के अलावा कोई अन्य भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड को 371 रन बनाने से रोक सकता था।” यह दर्शाता है कि बुमराह पर टीम की निर्भरता बहुत अधिक है। उनकी अनुपस्थिति में भारत को अन्य गेंदबाजों को मौका देना होगा, और यह गौतम गंभीर और शुभमन गिल के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
लीड्स टेस्ट में भारत की हार का ठीकरा पूरी तरह से जसप्रीत बुमराह पर फोड़ना अनुचित होगा। पहली पारी में उनके शानदार प्रदर्शन ने भारत को बढ़त दिलाई, लेकिन दूसरी पारी में उनकी नाकामी और फील्डिंग में गलतियों ने हार को अपरिहार्य बनाया। बुमराह के दो टेस्ट न खेलने का निर्णय उनकी चोट और वर्कलोड प्रबंधन से जुड़ा है, जो उनके दीर्घकालिक करियर के लिए आवश्यक है। हालांकि, उनकी अनुपस्थिति में भारतीय गेंदबाजी की कमजोरियां उजागर हुईं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि शुभमन गिल और गौतम गंभीर इस चुनौती से कैसे निपटते हैं।


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