A New Star of IPL- ग़रीब परिवार से निकले, दिल्ली की गलियों में क्रिकेट खेला, अब प्रियांश आर्य ने IPL में रच दिया इतिहास, पूरी कहानी
Priyansh Arya- प्रतिभा अमीरी या गरीबी की मोहताज नहीं होती- ये समझना हो तो क्रिकेटर प्रियांश आर्य से मिलो। दिल्ली के एक स्कूली टीचर के बेटे ने प्रतिभा के दम पर आईपीएल में इतिहास रच दिया है। प्रियांश ने चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings – CSK) के खिलाफ 39 गेंदों में शतक (Century) ठोककर इतिहास (History) रच दिया। ये शतक सिर्फ एक पारी (Innings) नहीं था, बल्कि एक ऐसा धमाका था, जिसने प्रियांश को रातों-रात स्टार बना दिया। पंजाब किंग्स (Punjab Kings – PBKS) के इस अनकैप्ड बल्लेबाज (Uncapped Batsman) ने न सिर्फ सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड (Record) बनाया, बल्कि ये दिखा दिया कि मेहनत (Hard Work) और लगन (Dedication) से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। आज हम आपको प्रियांश आर्य की पूरी कहानी बताएंगे।
प्रियांश का बचपन

प्रियांश आर्य का जन्म (Birth) 18 जनवरी 2001 को दिल्ली (Delhi) में हुआ था। उनका परिवार मिडिल क्लास से था, जहां उनके माता पवन आर्य (Pawan Arya) और मां राधा बाला आर्य (Radha Bala Arya)—दोनों शिक्षक (Teachers) थे। दिल्ली के अशोक विहार (Ashok Vihar) में उनका बचपन बीता, जहां वो अपने माता-पिता के साथ किराए के घर (Rented House) में रहते थे। प्रियांश का परिवार साधारण था, लेकिन उनके सपने (Dreams) हमेशा से बड़े थे।
छोटी उम्र से ही प्रियांश को क्रिकेट का शौक (Passion) था। उनके पिता पवन बताते हैं कि वो हरियाणा (Haryana) के फतेहाबाद (Fatehabad) के भूना गांव (Bhuna Village) से थे, जहां क्रिकेट की सुविधाएं (Facilities) कम थीं। फिर भी, पवन को क्रिकेट से प्यार (Love) था और वो खुद भी खेलते थे। दिल्ली आने के बाद वो शिक्षक बन गए, लेकिन क्रिकेट का जुनून (Passion) उनके दिल में बरकरार रहा। प्रियांश को भी ये जुनून अपने पिता से ही मिला। वो अक्सर पवन के साथ टीवी (TV) पर क्रिकेट मैच (Matches) देखते थे। एक दिन सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और क्रिस गेल (Chris Gayle) की बल्लेबाजी (Batting) देखकर प्रियांश ने कहा, “पापा, मैं भी इनकी तरह क्रिकेटर (Cricketer) बनूंगा और ढेर सारे छक्के (Sixes) मारूंगा।” उस वक्त प्रियांश महज 7-8 साल के थे, लेकिन उनके इस सपने की नींव यहीं से पड़ गई।
प्रियांश की मां राधा बताती हैं कि वो बचपन में बहुत शरारती (Naughty) थे। स्कूल (School) में पढ़ाई (Studies) में उनका मन कम लगता था, लेकिन खेल (Sports) में हमेशा आगे रहते थे। मोहल्ले में दोस्तों (Friends) के साथ गली क्रिकेट (Street Cricket) खेलना उनकी आदत थी। वहां वो लकड़ी के बल्ले (Wooden Bat) से गेंद को दूर-दूर तक उड़ाते थे। उनके दोस्त उन्हें “सिक्सर किंग” (Sixer King) कहकर बुलाते थे। प्रियांश को ये नाम इतना पसंद आया कि उन्होंने सोच लिया कि वो बड़े होकर सचमुच सिक्सर किंग बनेंगे।
शुरुआती कैरियर

प्रियांश का क्रिकेट का सफर औपचारिक रूप से तब शुरू हुआ, जब वो 7 साल की उम्र में एलबी शास्त्री क्रिकेट क्लब (LB Shastri Cricket Club) में भर्ती हुए। वहां उनके कोच (Coach) संजय भारद्वाज (Sanjay Bhardwaj) थे, जो भारतीय टीम (Indian Team) के कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को भी ट्रेन (Train) कर चुके थे। संजय ने प्रियांश में वो चिंगारी (Spark) देखी, जो एक बड़े खिलाड़ी (Player) की निशानी होती है। वो बताते हैं, “प्रियांश में शुरू से ही गजब की ताकत (Power) और टाइमिंग (Timing) थी। वो नेट्स (Nets) में गेंद को इतनी जोर से मारता था कि बॉल (Ball) बाहर चली जाती थी।”
प्रियांश की ट्रेनिंग (Training) सख्त थी। सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक वो प्रैक्टिस (Practice) करते थे। चाहे गर्मी (Summer) हो, सर्दी (Winter) हो या बारिश (Rain), प्रियांश कभी पीछे नहीं हटे। उनके पिता उन्हें ग्राउंड (Ground) पर छोड़ते और फिर शाम को लेने आते। संजय कहते हैं, “प्रियांश का फोकस (Focus) कमाल का था। वो हर दिन कुछ नया सीखना चाहता था।” इस दौरान प्रियांश ने अपनी बल्लेबाजी में ग्रेस (Grace) और पावर (Power) का मिश्रण डाला, जो बाएं हाथ के बल्लेबाजों (Left-Handed Batsmen) की खासियत होती है।
स्कूल क्रिकेट (School Cricket) में प्रियांश ने जल्दी ही नाम कमाना शुरू कर दिया। वो दिल्ली के अंडर-14 और अंडर-16 टूर्नामेंट्स (Tournaments) में धमाकेदार पारियां (Innings) खेलते थे। 14 साल की उम्र में उन्होंने एक मैच में 50 गेंदों में 120 रन ठोक दिए, जिसमें 8 छक्के (Sixes) और 10 चौके (Fours) शामिल थे। इस पारी के बाद लोग उन्हें “दिल्ली का नया हीरो” (Delhi’s New Hero) कहने लगे। लेकिन प्रियांश का असली टेस्ट (Test) तब शुरू हुआ, जब वो घरेलू क्रिकेट (Domestic Cricket) में आए।
सपनों को सच करने की जंग

हर बड़े खिलाड़ी की जिंदगी में संघर्ष (Struggle) का दौर आता है, और प्रियांश के साथ भी ऐसा ही हुआ। दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट (Domestic Cricket) में जगह बनाना आसान नहीं था। वहां पहले से ही कई बड़े नाम थे—शिखर धवन (Shikhar Dhawan), ऋषभ पंत (Rishabh Pant), और नवदीप सैनी (Navdeep Saini) जैसे खिलाड़ी। प्रियांश को मौका (Chance) मिलने में वक्त लग रहा था। वो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) में दिल्ली के लिए खेले, लेकिन शुरू में उनका बल्ला (Bat) ज्यादा नहीं चला। 7 लिस्ट-ए मैचों (List-A Matches) में उन्होंने सिर्फ 77 रन बनाए, और 19 टी-20 मैचों (T20 Matches) में 628 रन ही बना पाए।
2023 में आईपीएल ऑक्शन (IPL Auction) में प्रियांश का नाम आया, लेकिन उनकी बेस प्राइस (Base Price) 30 लाख रुपये पर भी कोई टीम (Team) ने उन्हें नहीं खरीदा। ये उनके लिए बड़ा झटका (Shock) था। वो दो दिन तक उदास (Sad) रहे, लेकिन फिर उन्होंने हार (Defeat) नहीं मानी। कोच संजय भारद्वाज बताते हैं, “जब ऑक्शन में प्रियांश को कोई नहीं ले गया, तो उसने मुझसे कहा—‘सर, मैं अगली बार ऐसा खेलूंगा कि सब मुझे लेने के लिए लाइन लगाएंगे।’” इसके बाद प्रियांश ने अपनी कमियों (Weaknesses) पर काम किया। वो जिम (Gym) में घंटों पसीना बहाते, और नेट्स (Nets) में हर गेंद को ध्यान से खेलते।उनके संघर्ष का फल तब मिला, जब 2024 में दिल्ली प्रीमियर लीग (Delhi Premier League – DPL) शुरू हुई। प्रियांश ने साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स (South Delhi Superstars) के लिए खेलते हुए 10 मैचों में 608 रन ठोक दिए। इसमें 2 शतक (Centuries) और 4 अर्धशतक (Fifties) शामिल थे। उनकी स्ट्राइक रेट (Strike Rate) 198.69 थी, जो उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी (Explosive Batting) का सबूत थी। एक मैच में उन्होंने नॉर्थ दिल्ली स्ट्राइकर्स (North Delhi Strikers) के खिलाफ एक ओवर में 6 छक्के (Sixes) जड़कर तहलका मचा दिया। ये कारनामा देखकर कोच संजय को भी यकीन हो गया कि प्रियांश अब तैयार (Ready) है।
आईपीएल में 39 गेंदों का तूफान

प्रियांश की मेहनत रंग लाई, जब आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन (Mega Auction) में पंजाब किंग्स (Punjab Kings) ने उन्हें 3.8 करोड़ रुपये में खरीदा। उनकी बेस प्राइस (Base Price) 30 लाख थी, लेकिन बोली (Bidding) में दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals), मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians), और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (Royal Challengers Bengaluru) जैसी टीमें भी पीछे पड़ीं। आखिरकार पंजाब ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया।
25 मार्च 2025 को प्रियांश ने गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) के खिलाफ अपना आईपीएल डेब्यू (IPL Debut) किया। इस मैच में उन्होंने 23 गेंदों में 47 रन ठोककर सबको चौंका दिया। उनकी स्ट्राइक रेट (Strike Rate) 204.35 थी, और वो पावरप्ले (Powerplay) में गेंदबाजों (Bowlers) पर टूट पड़े। लेकिन असली कमाल तो 8 अप्रैल 2025 को हुआ, जब मुल्लांपुर (Mullanpur) के महाराजा यादवेंद्र सिंह स्टेडियम (Maharaja Yadavendra Singh Stadium) में पंजाब किंग्स का मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) से था।
इस मैच में पंजाब की शुरुआत खराब रही। 54 रन पर 3 विकेट (Wickets) गिर चुके थे। लेकिन प्रियांश ने हार नहीं मानी। उन्होंने पहली गेंद पर छक्का (Six) जड़कर अपने इरादे (Intentions) साफ कर दिए। फिर 13वें ओवर में मथीशा पथिराना (Matheesha Pathirana) के खिलाफ लगातार 3 छक्के (Sixes) और 1 चौका (Four) लगाकर अपना शतक पूरा किया। कुल 42 गेंदों में 103 रन बनाए, जिसमें 9 छक्के और 7 चौके शामिल थे। उनका स्ट्राइक रेट (Strike Rate) 245.24 था। ये पारी इतनी शानदार थी कि प्रीति जिंटा (Preity Zinta), जो पंजाब की को-ओनर (Co-Owner) हैं, स्टैंड्स (Stands) से तालियां (Claps) बजाती नजर आईं।
प्रियांश का ये शतक आईपीएल इतिहास (IPL History) में अनकैप्ड खिलाड़ी (Uncapped Player) का सबसे तेज शतक था। साथ ही, ये कैप्ड और अनकैप्ड खिलाड़ियों में संयुक्त रूप से चौथा सबसे तेज शतक था। क्रिस गेल (Chris Gayle) के 30 गेंदों के रिकॉर्ड के बाद प्रियांश का नाम अब यूसुफ पठान (Yusuf Pathan), डेविड मिलर (David Miller), और ट्रैविस हेड (Travis Head) के साथ लिया जा रहा है। प्रियांश सातवें अनकैप्ड बल्लेबाज बने, जिन्होंने आईपीएल में शतक ठोका।
भविष्य का बड़ा सितारा

प्रियांश आर्य अब क्रिकेट की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं। लेकिन उनका सफर (Journey) अभी शुरू हुआ है। 24 साल की उम्र में वो जिस तरह खेल रहे हैं, उससे साफ है कि उनका भविष्य (Future) बहुत उज्जवल (Bright) है। एक्सपर्ट्स (Experts) मानते हैं कि प्रियांश में वो काबिलियत (Ability) है कि वो भारतीय टीम (Indian Team) के लिए खेल सकें। उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी (Explosive Batting) और पावरप्ले (Powerplay) में बड़े शॉट्स (Big Shots) खेलने की खूबी उन्हें टी-20 क्रिकेट (T20 Cricket) का बड़ा सितारा बना सकती है।
प्रियांश का अगला लक्ष्य (Goal) रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में दिल्ली के लिए डेब्यू (Debut) करना है। वो कहते हैं, “मैं अभी तक रणजी में नहीं खेल पाया, लेकिन अब मेरा फोकस (Focus) उस पर है। इसके अलावा, मैं भारत (India) के लिए खेलना चाहता हूं।” उनके कोच संजय भारद्वाज का मानना है कि अगर प्रियांश अपनी फिटनेस (Fitness) और कंसिस्टेंसी (Consistency) पर काम करते रहे, तो वो जल्द ही टीम इंडिया (Team India) की नीली जर्सी (Blue Jersey) में दिख सकते हैं।
आईपीएल में भी प्रियांश का भविष्य शानदार दिखता है। पंजाब किंग्स (Punjab Kings) ने उन्हें एक ओपनर (Opener) के तौर पर देखा है, जो पावरप्ले (Powerplay) में टीम को तेज शुरुआत (Quick Start) दे सकता है। अगर वो इसी तरह खेलते रहे, तो आने वाले सीजन्स (Seasons) में उनकी कीमत (Price) और भी बढ़ सकती है। साथ ही, वो अपनी कमाई (Earnings) से अपने माता-पिता को दिल्ली में एक नया घर (New House) गिफ्ट करना चाहते हैं। उनके पिता पवन कहते हैं, “प्रियांश का सपना था कि वो हमें अपना घर दे। अब वो इसे पूरा करने जा रहा है।”
अभी शुरू हुई है उड़ान

प्रियांश आर्य की कहानी मेहनत (Hard Work), लगन (Dedication), और सपनों (Dreams) की कहानी है। दिल्ली की गलियों से निकलकर आईपीएल (IPL) के मैदान तक पहुंचने वाला ये लड़का आज लाखों युवाओं (Youth) के लिए प्रेरणा (Inspiration) बन गया है। 39 गेंदों में शतक (Century) ठोककर उन्होंने न सिर्फ रिकॉर्ड (Record) बनाया, बल्कि ये साबित कर दिया कि टैलेंट (Talent) और मेहनत के आगे कोई रुकावट (Obstacle) नहीं टिक सकती।
उनका बचपन (Childhood) सपनों से भरा था, शुरुआती कैरियर (Early Career) मेहनत से चमका, संघर्ष (Struggle) ने उन्हें मजबूत बनाया, और आईपीएल (IPL) ने उन्हें स्टार (Star) बना दिया। भविष्य (Future) में प्रियांश क्या करेंगे, ये तो वक्त (Time) बताएगा, लेकिन एक बात पक्की है—ये सिक्सर किंग (Sixer King) अभी बहुत ऊंची उड़ान (Flight) भरने वाला है। तो क्या आपको लगता है कि प्रियांश जल्द ही टीम इंडिया (Team India) का हिस्सा बनेंगे? या फिर वो आईपीएल (IPL) में और बड़े रिकॉर्ड (Records) तोड़ेंगे? जवाब चाहे जो हो, प्रियांश की कहानी हर उस शख्स को हौसला (Courage) देती है, जो अपने सपनों को सच करना चाहता है।
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