ऋषभ पंत ने धोनी का रिकॉर्ड ‘धूल’ में मिलाया, इंग्लैण्ड की धरती पर बना दिया ‘महारिकॉर्ड’, गुलाटी मारकर सेलीब्रेशन
भारतीय क्रिकेट टीम ( team india) के स्टार विकेटकीपर (wicketkeeper) बल्लेबाज (batsman) ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने इंग्लैंड (England) दौरे का आगाज (start) बल्ले से बेहतरीन तरीके से किया है। लीड्स (Leeds) के मैदान पर खेले जा रहे पहले टेस्ट (Test) मैच के दूसरे दिन (second day) के खेल (game) की शुरुआत 65 रनों से आगे की। उन्होंने अपनी पारी (innings) को उसी अंदाज (style) में आगे बढ़ाया जहां से छोड़ा था। दूसरे दिन पंत ने 146 गेंदों (balls) में अपना शतक (century) पूरा किया, जो उनके टेस्ट करियर (career) का सातवां (seventh) शतक भी है। पंत ने लीड्स टेस्ट में अपना शतक पूरा करने के साथ जिस तरह से सेलिब्रेट (celebrate) किया, उस अंदाज को देख इंग्लैंड की टीम और मैदान पर मौजूद दर्शक (spectators) भी हैरान (stunned) रह गए। पंत ने इस शतक के साथ अपने गुरु महेन्द्र सिंह धोनी का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
ऋषभ पंत की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी

ऋषभ पंत का नाम आज क्रिकेट की दुनिया में किसी पहचान का मोहताज नहीं। दिल्ली के इस नौजवान ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और बिंदास अंदाज से हर किसी का दिल जीत लिया है। 27 साल की उम्र में पंत ने टेस्ट क्रिकेट में जो मुकाम हासिल किया, वो कई दिग्गजों के लिए मिसाल है। 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ ही उन्होंने टेस्ट डेब्यू किया था और उसी दौरे पर ओवल टेस्ट में शतक ठोककर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। तब से लेकर आज तक, पंत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। चाहे ऑस्ट्रेलिया में गाबा का ऐतिहासिक शतक हो या साउथ अफ्रीका में मुश्किल पिचों पर रन बनाना, पंत ने हर बार चुनौतियों को गले लगाया है।
पंत की खासियत है उनकी ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी। वो मैदान पर उतरते ही गेंदबाजों के दिमाग में खौफ पैदा कर देते हैं। उनकी बल्लेबाजी में रक्षात्मक खेल कम और आक्रामक शॉट्स ज्यादा नजर आते हैं। लीड्स टेस्ट में भी यही देखने को मिला। 146 गेंदों में 10 चौके और 4 छक्कों की मदद से उन्होंने अपना शतक पूरा किया। शोएब बशीर की गेंद पर एक हाथ से लगाया गया छक्का उनकी आत्मविश्वास भरी बल्लेबाजी का नमूना था। पंत की ये पारी न सिर्फ स्कोरबोर्ड पर रनों का इजाफा कर रही थी, बल्कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में भी जोश भर रही थी।
डीसी बनाम एलएसजी: मैच की शुरुआत (DC vs LSG: The Match Begins)
पंत का शतक जितना शानदार था, उसका सेलिब्रेशन उससे भी ज्यादा चर्चा में रहा। जैसे ही उन्होंने शोएब बशीर की गेंद पर छक्का जड़कर सेंचुरी पूरी की, पंत ने हेलमेट और दस्ताने उतारे, बल्ला एक तरफ रखा और फिर मैदान पर गुलाटी लगाई। आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ शतक लगाने के बाद भी पंत ने गुलाटी मारकर सेलिब्रेशन किया था। लेकिन लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर, इंग्लैंड की सरजमीं पर ये अंदाज देखकर दर्शक और विपक्षी खिलाड़ी भी दंग रह गए। पंत का ये सेलिब्रेशन उनकी बिंदास पर्सनैलिटी को बयां करता है। वो न सिर्फ खेल में मजा लेते हैं, बल्कि अपने फैंस को भी एंटरटेन करते हैं।
ये गुलाटी सेलिब्रेशन सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। फैंस ने इसे पंत का ‘ट्रेडमार्क’ करार दिया। कुछ ने मजाक में कहा कि पंत को अब हर शतक पर गुलाटी लगाने का कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लेना चाहिए!
धोनी का रिकॉर्ड ‘धूल-धूसरित’

पंत ने इस शतक के साथ एक बड़ा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। वो टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा शतक (7) लगाने वाले विकेटकीपर बन गए, जिन्होंने महेंद्र सिंह धोनी (6 शतक) को पीछे छोड़ दिया। धोनी ने 144 पारियों में 6 शतक बनाए थे, जबकि पंत ने सिर्फ 75 पारियों में ये मुकाम हासिल कर लिया। ये आंकड़े बताते हैं कि पंत न सिर्फ प्रतिभाशाली हैं, बल्कि लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी भी हैं।
इंग्लैंड में पंत का ये तीसरा शतक था, जिसके साथ उन्होंने सौरव गांगुली की बराबरी की। सुनील गावस्कर, विराट कोहली, अजहरुद्दीन, केएल राहुल और रवि शास्त्री जैसे दिग्गजों को भी उन्होंने इस मामले में पीछे छोड़ दिया। पंत का ये रिकॉर्ड उनकी विदेशी पिचों पर बल्लेबाजी की काबिलियत को दर्शाता है।
लीड्स टेस्ट में टीम इंडिया का दबदबा
लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर 20 जून 2025 से शुरू हुआ पहला टेस्ट भारत के लिए शानदार रहा। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने उनके इस फैसले को गलत साबित कर दिया। पहले दिन यशस्वी जायसवाल ने 101 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि कप्तान शुभमन गिल और पंत ने दूसरे दिन बल्ले से आग उगली। खबर लिखे जाने तक भारत ने पहली पारी में 3 विकेट पर 427 रन बना लिए थे। गिल 144 और पंत 112 रनों पर नाबाद थे।
पंत और गिल के बीच चौथे विकेट के लिए 209 रनों की साझेदारी ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। ये साझेदारी 290 गेंदों में बनी, जिसमें दोनों बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को खूब छकाया। गिल ने 227 गेंदों में 147 रन बनाए, जिसमें 19 चौके और एक छक्का शामिल था। उनकी ये पारी कप्तानी के दबाव में खेली गई एक परिपक्व पारी थी। गिल ने जहां एक छोर संभाले रखा, वहीं पंत ने आक्रामक बल्लेबाजी से गेंदबाजों पर दबाव बनाया। इस साझेदारी ने न सिर्फ भारत को बड़ा स्कोर दिया, बल्कि इंग्लैंड की गेंदबाजी को भी पूरी तरह तोड़ दिया।
एक पारी में तीन शतक

लीड्स टेस्ट में भारत के लिए एक पारी में तीन बल्लेबाजों—यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत—के शतक लगाने का रिकॉर्ड बना। भारतीय टेस्ट इतिहास में ऐसा छठी बार हुआ है कि विदेशी जमीन पर एक पारी में तीन बल्लेबाजों ने शतक जड़े। इससे पहले 1971 में वेस्टइंडीज, 2004 में ऑस्ट्रेलिया, 2008 में साउथ अफ्रीका, 2010 में श्रीलंका और 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा हुआ था। इस रिकॉर्ड ने भारतीय बल्लेबाजी की गहराई को एक बार फिर दुनिया के सामने ला दिया।
इंग्लैंड की बेअसर गेंदबाजी
इंग्लैंड की गेंदबाजी इस टेस्ट में पूरी तरह बेअसर नजर आई। बेन स्टोक्स ने दो विकेट लिए, जबकि ब्रायडन कार्स को एक सफलता मिली। लेकिन जेम्स एंडरसन, क्रिस वोक्स और शोएब बशीर जैसे गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों के सामने बेबस दिखे। खासकर पंत ने बशीर की ऑफ-स्पिन की जमकर धुनाई की। उनके खिलाफ एक हाथ से लगाया गया छक्का तो गेंदबाजी की कमजोरी को उजागर करता है। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने शुरुआत में तो कुछ अनुशासन दिखाया, लेकिन जैसे-जैसे भारतीय बल्लेबाज जमते गए, उनकी लाइन-लेंथ बिगड़ती चली गई।
बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम ‘बैजबॉल’ के लिए जानी जाती है, लेकिन इस टेस्ट में उनकी रणनीति फेल होती दिखी। गेंदबाजों को बार-बार फील्ड बदलनी पड़ी, लेकिन पंत और गिल की जोड़ी पर कोई असर नहीं पड़ा। शायद इंग्लैंड को अपनी गेंदबाजी रणनीति में और आक्रामकता लाने की जरूरत थी। जेम्स एंडरसन जैसे अनुभवी गेंदबाज से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन वो भी पंत के आक्रामक रवैये के सामने ढीले पड़ गए।
पंत का भविष्य: भारत का नया सुपरस्टार
ऋषभ पंत का ये शतक सिर्फ एक पारी नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य की झलक है। विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, पंत और गिल जैसे युवा खिलाड़ियों पर बड़ी जिम्मेदारी है। लीड्स टेस्ट में पंत ने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि उप-कप्तान के तौर पर भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई। उनकी विकेटकीपिंग भी शानदार रही, जिसने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया।
पंत की सबसे बड़ी ताकत है उनका दबाव में भी हंसते-खेलते खेलना। चाहे स्कोरबोर्ड पर रन कम हों या विपक्षी गेंदबाज आग उगल रहे हों, पंत का रवैया हमेशा एक जैसा रहता है। यही वजह है कि वो न सिर्फ फैंस के चहेते हैं, बल्कि कोच और कप्तान का भरोसा भी जीतते हैं।

लीड्स टेस्ट में ऋषभ पंत ने एक बार फिर साबित किया कि वो भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े मैच विनर हैं। उनका सातवां शतक, गुलाटी सेलिब्रेशन और गिल के साथ रिकॉर्ड साझेदारी ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। इंग्लैंड की गेंदबाजी को ध्वस्त करते हुए पंत ने दिखाया कि उनकी बल्लेबाजी में कितना दम है। ये पारी न सिर्फ इस टेस्ट की दिशा तय करेगी, बल्कि पंत के करियर में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ेगी।
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