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Yashasvi Jaiswal Century- यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैण्ड के गेंदबाजों की जमकर धुनाई कर शतक जड़ा, बाद में शुभमन गिल ने ठोकी सेंचुरी

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Headingley Test- इंग्लैण्ड के खिलाफ लीड्स (Leeds) के हेडिंग्ले में पहले टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज छा गए। टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाजी यशस्वी जायसवाल(Yashasvi Jaiswal) ने पहले शतक जमाया और उसके बाद पहली टेस्ट मैच में कप्तानी कर रहे शुभमन गिल ( Shubhman Gill ) ने भी शतक लगाकर टीम का स्कोर 300 के पार पहुंचा दिया। इस मैच में शुभमन गिल ने टेस्ट में दो हजार रन और रिषभ पन्त ( Rishabh Pant ) ने 3000 रन पूरे कर लिए। यशस्वी को पारी के दौरान क्रैम्प (Cramp) की समस्या भी हुई, जिसके कारण दो बार खेल रुका। लेकिन उनकी दृढ़ता और जुझारूपन ने उन्हें पारी को आगे बढ़ाने में मदद की।
पहले दिन का खेल खत्म होने पर कप्तान शुभमन गिल 127 रन पर और रिषभ पन्त 65 रन बनाकर अविजित पवैलियन लौटे। भारत की पहली पारी में 3 विकेट पर 359 रन बन चुके हैं।
20 जून 2025 को लीड्स (Leeds) के हेडिंग्ले (Headingley) मैदान पर भारत और इंग्लैंड (England) के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज (Test Series) का पहला मुकाबला शुरू हुआ। इस ऐतिहासिक मैच में भारतीय सलामी बल्लेबाज (Opening Batsman) यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए अपने टेस्ट करियर का पांचवां शतक (Century) जड़ा। मात्र 23 साल 174 दिन की उम्र में उन्होंने 144 गेंदों में यह शतकीय पारी (Innings) खेली, जिसने न केवल भारतीय प्रशंसकों को उत्साहित किया बल्कि क्रिकेट इतिहास (Cricket History) में कई रिकॉर्ड (Records) भी बनाए। इंग्लैंड ने टॉस (Toss) जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी (Batting) का न्योता दिया, और यशस्वी ने इस मौके को दोनों हाथों से लपक लिया।

इंग्लैंड की गेंदबाजी

Yashasvi Jaiswal

इंग्लैंड की गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई अनुभवी गेंदबाजों जैसे जेम्स एंडरसन (James Anderson), स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) के उत्तराधिकारी के रूप में उभर रहे ब्रायडन कार्स (Brydon Carse), और बेन स्टोक्स (Ben Stokes) जैसे ऑलराउंडर ने की। हेडिंग्ले की पिच पर, जो आमतौर पर तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती है, इंग्लैंड ने शुरुआत में आक्रामक रणनीति अपनाई। उन्होंने स्विंग (Swing) और सीम मूवमेंट का उपयोग करते हुए भारतीय बल्लेबाजों को दबाव में लाने की कोशिश की। ब्रायडन कार्स ने शुरुआती ओवरों (Overs) में यशस्वी और उनके सलामी जोड़ीदार (Opening Partner) को परेशान किया, जहां उन्होंने 5.4वें ओवर में यशस्वी के खिलाफ चार रन दिए।
हालांकि, इंग्लैंड की गेंदबाजी में कुछ कमियां भी नजर आईं। उनके गेंदबाजों ने शुरुआत में अनुशासन दिखाया, लेकिन जैसे-जैसे यशस्वी ने अपनी पारी को गति दी, इंग्लिश गेंदबाजों की लाइन और लेंथ बिगड़ने लगी। खासकर जोश टंग (Josh Tongue) और बेन स्टोक्स जैसे गेंदबाजों को यशस्वी ने अपने आक्रामक शॉट्स से परेशान किया। यशस्वी ने 16 चौके (Fours) और एक छक्का (Six) लगाकर इंग्लैंड के गेंदबाजों की रणनीति को ध्वस्त कर दिया। बीच के ओवरों में स्पिनरों (Spinners) की कमी ने इंग्लैंड को और मुश्किल में डाला, क्योंकि पिच पर स्विंग कम होने के बाद उनके पास वैरिएशन की कमी थी।

भारतीय बल्लेबाजी: यशस्वी ने की धुनाई

भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप ने इस टेस्ट में शानदार शुरुआत की, जिसमें यशस्वी जायसवाल ने मुख्य भूमिका निभाई। भारतीय बल्लेबाजी की ताकत यशस्वी की आक्रामकता और शुभमन की स्थिरता (Stability) में दिखी। यशस्वी ने जहां इंग्लिश गेंदबाजों पर दबाव बनाया, वहीं शुभमन ने दूसरी छोर से संयमित बल्लेबाजी (Composed Batting) की।
केएल राहुल (KL Rahul) ने 42 रनों की उपयोगी पारी खेली, लेकिन ब्रायडन कार्स ने उन्हें आउट कर भारत को पहला झटका दिया। साई सुदर्शन (Sai Sudharsan) का खाता न खुल सका, जिससे भारत का मध्य क्रम (Middle Order) थोड़ा दबाव में आया। हालांकि, यशस्वी और शुभमन की साझेदारी (Partnership) ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। यशस्वी की पारी में तकनीक (Technique) और आक्रामकता का शानदार मिश्रण था, जिसने भारतीय बल्लेबाजी को एक नया आयाम दिया।

यशस्वी जायसवाल का खेलने का अंदाज

यशस्वी जायसवाल का खेलने का अंदाज आधुनिक क्रिकेट (Modern Cricket) का प्रतीक है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज (Left-handed Batsman) ने अपनी पारी में आक्रामकता और संयम (Aggression and Patience) का बेहतरीन संतुलन दिखाया। उनकी पारी की शुरुआत सतर्क (Cautious) थी, क्योंकि हेडिंग्ले की पिच पर शुरुआती नमी (Moisture) और स्विंग ने उन्हें सावधान रहने पर मजबूर किया। लेकिन जैसे ही वह सेट (Set) हुए, उन्होंने अपने शॉट्स की रेंज (Range of Shots) का प्रदर्शन किया। कवर ड्राइव (Cover Drive), लॉफ्टेड कवर शॉट (Lofted Cover Shot), और स्क्वायर कट (Square Cut) जैसे शॉट्स उनकी पारी की खासियत रहे।

रिकॉर्ड्स का ढेर

यशस्वी जायसवाल ने इस पारी में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। वह इंग्लैंड में अपने पहले टेस्ट में शतक लगाने वाले पांचवें भारतीय बल्लेबाज (Indian Batsman) बन गए, जिनमें मुरली विजय (146, 2014), विजय मांजरेकर (133, 1952), सौरव गांगुली (131, 1996), और संदीप पाटिल (129*, 1982) शामिल हैं। इसके अलावा, वह हेडिंग्ले में टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज बने, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि (Historic Achievement) है।
यशस्वी के टेस्ट करियर के पांच शतकों में से तीन इंग्लैंड के खिलाफ आए हैं, जो उनकी इस प्रतिद्वंद्वी (Opponent) के खिलाफ विशेष दक्षता (Dominance) को दर्शाता है। उन्होंने अपने टेस्ट करियर के 20वें मैच में यह शतक लगाया, और चार देशों में अपने पहले टेस्ट में 50+ स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। उनकी इस पारी ने न केवल भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि वह भविष्य के सितारे (Future Star) हैं।
यशस्वी जायसवाल की यह शतकीय पारी न केवल उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) के लिए एक गर्व का क्षण है। इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनकी तकनीकी दक्षता और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें एक उभरता हुआ सितारा साबित किया। भारतीय बल्लेबाजी ने उनकी अगुवाई में पहले दिन मजबूत नींव रखी, जबकि इंग्लैंड की गेंदबाजी रणनीति को और अधिक अनुशासित और वैरिएबल (Variable) होने की जरूरत है। यह टेस्ट सीरीज भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है, और यशस्वी जैसे युवा खिलाड़ी इसकी अगुवाई कर रहे हैं


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